मेरा किरदार ज़ाकिर उन्होंने बहुत ख़ूबसूरती से लिखा –फैज खान

Actor Faiz Khan Interview: फैज खान का इंटरव्यू
Actor Faiz Khan Interview: फैज खान का इंटरव्यू

Actor Faiz Khan Interview: मध्यप्रदेश हिंदुस्तान का दिल यहां की मिट्टी में कई सितारों ने जन्म लिया और बॉलीवुड सहित पूरी दुनिया पर राज कर रहे हैं, इसी मिट्टी में जन्मे एक्टर फैज खान जो इन दिनों अपनी फिल्म कच्चे लिम्बू को लेकर काफी वाहवाही बटोर रहे है। इसी फिल्म को लेकर उनसे हुई टेलिफॉनिक बातचीत के कुछ अंश।

पन्ना से मुंबई तक का सफर कैसे तय किया? –

पन्ना काफ़ी उत्साह वर्धक रहा,मैंने पन्ना में बहुत थिएटर किया,फिर पन्ना से बाहर सागर, सीधी, भोपाल में भी रंगमंच किया, मैं जहां जहां गया सब जगह लोगों ने मुझे मेरे काम को सराहा और एक्टिंग के लिए प्रोत्साहित किया,भोपाल में जब एनएसडी की 70 दिन की वर्कशॉप की तब इस बात का पक्का फ़ैसला कर लिया की अब यही करना है और कुछ नहीं,और वहीँ से एनएसडी जाने की धुन सवार हो गई,फिर दिल्ली में रंगमच किया और बहुत अथक प्रयासों के बाद एनएसडी में सेलेक्ट हुआ, शाहरुख़ खान सर ने कहा है न, अगर किसी चीज़ को आप पूरी शिद्दत से चाहते हो तो पूरी क़ायनात उसे आपसे मिलाने में लग जाती है,और मैंने ये शिद्दत से चाहा, मुझे एनएसडी पास करने से 15 दिन पहले फिल्म मिल चुकी थी जिसका नाम है ये है बकरापुर, हिंदी फिल्म थी, जानकी विश्वनाथन जी इस डायरेक्टर थी जो की कर्नाटक में शूट हुई थी, एनएसडी के बाद मैने फिल्म की और फिर देश के अलग अलग प्रान्तों में जाकर एक्टिंग वर्कशॉप की वहाँ के कल्चर और रंगमच को समझा करीब दो साल तक जम के रंगमंच की सेवा की फिर जब में पटना बिहार में था श्री संजय उपाध्याय के ग्रुप में एक्टिंग पे काम कर रहा था तब मुबई से बुलावा आगया,और मैं मुंबई चला आया,मेरे इस अभिनय या रंगमंच के सफ़र में जितने भी लोग मिले वो बहुत पोसिटिव लोग मिले उन्होंने हमेशा हर मोड़ पे मेरा मार्ग प्रशस्त किया इनमे पन्ना से मेरे गुरुजन ,दिल्ली से मेरे एनएसडी के सभी गुरुजन और मेरे सीनियर और पन्ना के मेरे दोस्त जो आज भी मेरे साथ उसी तरह से हैं जब में पन्ना में था।

Faiz Khan with his mother and elder brother

Faiz Khan with his mother and elder brother

आप अपने काम के बारे में बताएं ?

मैंने अबतक ये है बकरापुर, केदारनाथ, अरनायक, सिटी ऑफ ड्रीम्स, गंगुबाई कठियावड़ी, जग्गा जासूस, जॉली एलएलबी 2, वेबसीरीज माइनस वन के सीजन 1 में काम किया है। फिलहाल आप मुझे फिल्म कच्चे लिम्बू में जाकिर के किरदार में देख सकते है जो जियो सिनेमा पर स्ट्रीमिंग हो रही है। फिल्म में राधिका मदान मुख्य किरदार में है।

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कच्चे लिम्बू में अपने किरदार के बारे में बताईएं?

इस फ़िल्म में मेरा किरदार ज़ाकिर का है जो की बिल्डिंग का वाचमेन है,शराबी है, बिल्डिंग के सभी लोग जानते हैं वो बेवडा है ज़ाकिर बीवी के ग़म में पीने लगा है,उसकी बीवी टी.बी.का शिकार हो गई, सब उसे भी निकालना चाहते थे पर भास्कर अंकल ने जाकिर को काम से नहीं निकलने दिया क्यों की भास्कर अंकल को यक़ीन था की ज़ाकिर सुधर सकता है, ज़ाकिर अकेला है पर अपने अकेलपन को किसी से बांटता नहीं है, थोडा अजीब हो गया है, दो टूक बात करना उसका नेचर बन चूका है,इस बीच डिट्टो मतलब की राधिका मदान अपनी क्रिकेट टीम बनाती है,जिसमे ज़ाकिर अपनी शराब की शर्त के साथ टीम का हिस्सा बनता है और धीरे धीरे वो इस कच्चे लिम्बू टीम में अपनापन खोज लेता है,शारब छोड़ देता है,और पूरी शिद्दत से टूर्नामेंट जीतेने में लग जाता है।

Actor Faiz Khan Interview: फैज खान का इंटरव्यू

Actor Faiz Khan Interview: फैज खान का इंटरव्यू

आपको ये किरदार कैसे मिला? –

शुभम योगी जो की इस फिल्म के डायरेक्टर हैं,मेरे दोस्त हैं,उनके साथ मैंने एक वेब सीरीज़ की थी माइनस वन,जो यूट्यूब पर रिलीज़ हुई थी, फिर उन्होंने मुझे बताया की फिल्म बना रहे हैं तो मैंने कहा मैं तैयार हूँ वहाँ से जवाब आया वो तो मुझे पता है पर ऑडिशन देना होगा, मैंने कहा बिलकुल और काविश सिन्हा जी को मैंने ज़ाकिर के कैरेक्टर का ऑडिशन दिया और इस तरह से मैं इस रोल तक पहुंचा.

आपने इस किरदार के लिए कैसे तैयारी की?

मैंने देखा मेरी बिल्डिंग के ज़्यादातर वाचमेन अपने ख़ाली वक़्त पे फ़ोन पे ही होते हैं,उनकी लाइफ में बहुत दिक्कते हैं,पर फ़ोन देखते समय उनके फेस पे कोई परेशानी नहीं दिखती,यही बात मेरे दिमाग में घर कर गयी अपनी ज़िंदगी में मोबाइल को सब कुछ समझ लिया उसी में रहना जब कोई आये गेट खोल देना,मैंने एक दो दिन अपनी बिल्डिंग में ऐसा किया भी पूरा वाचमेनवाला फील लिया,अब जब ज़ाकिर का कोई नहीं है तो शाराब को अपना बना लिया ,शराब के लिए चेहरे पे स्माइल आती है, शराब के लिए क्रिकेट खेला जा सकता है, मैंने अपने कैरेक्टर के लिए ये दो बातें दो बीज बोये जिससे फिर उसका स्वाभाव उसका चलना उसके बात करने का तरीका सब बनता गया.और ज़ाकिर का कैरेक्टर ने अपना रूप लिया !

Actor Faiz Khan Interview: फैज खान का इंटरव्यू

Actor Faiz Khan Interview: फैज खान का इंटरव्यू

आपको इस किरदार के लिए किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? –

सब से बड़ा चैलेन्ज था कच्चे लिम्बू टीम में मिक्स होना, कैरेक्टर का एक दायरा था स्टेटस का, जो बाकी कैरेक्टर और ज़ाकिर के बीच काफ़ी समय तक बना रहता है,जिसे बनाए रखने और ख़त्म करने में एक अभिनेता के तौर पर मुझे चैलेंजिंग लगा !

आपको इस किरदार के लिए किस तरह का रिस्पॉन्स मिल रहा है?

उम्मीद से बढ़कर रेस्पोंस आ रहा है सभी को फिल्म बहोत पसंद आ रही है,मेरे काम को अच्छा कहा जा रहा है, मेरे डायलोग लोग पसंद कर रहे हैं. जैसे
1) जब राधिका दारू चुरा के लाती है तो मैं कहता हूँ – मैं चोरी की नहीं पीता

2) राधिका पूंछती है – खेलने का क्या लोगे ? मैं कहता हूँ – रोज़ का एक खंबा

3) मेरा और आयुष मेहरा का सीन जो लोगों को इमोशनल कर जाता की जब कबीर बोलता है मैं हारना नहीं चाहता और मैं कहता हूँ नहीं हारोगे सो जाओ…ये मेरे लिए फिल्म का सबसे प्यारा मोमेंट है जिसे में अपना कह सकता हूँ !

राधिका मदान और फिल्म के अन्य साथी कलाकार के साथ काम करने का आपका अनुभव कैसा रहा?

राधिका अपने काम के प्रती, अपने साथी कलाकारों के साथ बहुत ही सहज है,अपने काम को लेकर एकाग्र हैं, ऊर्जावान हैं बहुत पोसिटिव हैं,यही शब्द आयूष मेहरा और रजत बरमेचा के लिए भी कहना चाहूँगा बहुत ज़मीनी हैं अपने चरित्र की ज़िम्मेदारी को समझते हैं उसे पूरा करने के लिए भरसक प्रयास करते हैं,मुझे बहुत कुछ सीखने मिला सभी से !

Faiz Khan with Radhika Madan

Faiz Khan with Radhika Madan

फिल्म के सेट से कोई यादगार पल?

ज़ाकिर और कबीर का रात वाला सीन जहां ज़ाकिर कबीर को बोलता है नहीं हारोगे जाओ सो जाओ,ये डायलोग अपने आप में इतना कुछ कह रहा था,वो फील वो मोमेंट,मेरे दिलो दिमाग में हमेशा फ्रेश रहेगा ! और ये भी memorable moment है की इस फिल्म के माध्यम से में फिल्म इंडस्ट्री में मैं एक गीतकार (songwriter) के रूप में भी जाना जाऊंगा

आपकी एक्टिंग प्रेरणा क्या है?

मेरे बड़े भाई इश्तियाक खान,उनको जब एक्ट करते देखता था तो बहुत गर्व महसूस करता था,उनको देख देख के धीरे धीरे उनकी तरह एक्ट करने की कोशिश करता,सुबहा जब वो रियाज़ करते तो उनके सुरों से ही मेरी नींद खुलती तो मैंने उनको उनसे ज़्यादा जिया मुझे ऐसा लगता है,चुपके से उनकी एक्टिंग के नोट्स पढ़ता था,वो ही मेरी एक्टिंग के प्रेरणा स्त्रोत रहे हमेशा…

Faiz Khan with Elder Brother Ishtiyak Khan

Faiz Khan with Elder Brother Ishtiyak Khan

आपके बड़े भईया का आपकी लाइफ में कितना इम्पैक्ट रहा?

मेरे बड़े भाई का मेरी लाइफ में बहुत ही ज़्यादा इम्पेक्ट रहा, मैं जब जब उनके काम को देखता उनके काम करने के जूनून को देखता मेरे अन्दर मेरा खून दुगनी रफ़्तार से दौड़ता, और मैं काम पे लग जाता हूँ , उनसे ही प्रेरित हू और मैंने अपने काम करने जो एक अलग अंदाज़ बनाया है वो उनसे ही लिया है,अभी भी सीख रहा हूँ समझ रहा हूँ. मैं आपके माध्यम से शुभमयोगी जो की मेरे मित्र हैं और इस फिल्म कच्चे लिम्बू के राईटर डायरेक्टर हैं उनके बारे में दो बात कहना चाहूँगा,उन्होंने इस फिल्म में बहुत सिंपल बात की है बहुत सादगी से की है,जो आपको पसंद आयेगी,और मेरा किरदार ज़ाकिर उन्होंने बहुत ख़ूबसूरती से लिखा हैं उम्मीद है मेहनत रंग लायेगी उनको मेरा बहुत बहुत धयवाद !

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आपके आगामी प्रोजक्ट्स?

मेरी आगामी फिल्मों में “सरकार की सेवा में” है जिसे श्रयश तलपड़े जी ने डायरेक्ट किया है और उन्होंने मुख्य भूमिका भी निभाई है, इस फिल्म में मैं एक जुनूनी वकील के किरदार में नज़र आऊंगा, दूसरी फिल्म है हुक्कूस बुकूस जो की कश्मीर में बेस्ड है. फिर संजय मिश्रा जी के साथ एक फिल्म आने वाली है जिसे मेरे बड़े भईया इश्तायाक खान जी द्वारा निर्देशित किया गया है फिल्म का नाम है “ शैडो ऑफ़ ओथेलो ” उसमे में एक क़साई की भूमिका में नज़र आऊँगा,अभी हरियाणा में एक इंडिपेंडेंट फिल्म शूट करने जा रहा हूँ…

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