सबसे पहले नंबर पर भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में चाणक्य(Chanakya) का नाम लिया जाता है. चाणक्य की दी हुई शिक्षा और बताए गए निर्देशों के अनुसार चलने पर जीवन में सफलता मिलना अनिवार्य है. उनकी बातें और शिक्षा व्यक्ति को सफलता के मार्ग पर अग्रसर करती है. विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्व विद्यालय से चाणक्य का गहरा संबंध था. वहां पर चाणक्य शिक्षा प्रदान करने का काम करते थे. चाणक्य को कई बहुत से विषयों का ज्ञान भी थी. चाणक्य को अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र के साथ साथ सैन्य विज्ञान तथा कूटनीति शास्त्र का भी ज्ञान रखते थे. चाणक्य के ज्ञान बहुत विशाल था. चाणक्य के अनुसार महिलाओं को अगर हर जगह अपने मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि करवानी है तो उसके लिए उके अंदर कुछ खास गुणों का होना जरूरी नहीं हैं. कभी कभी सफल होने के लिए महिलाओं के पास वो खास गुण नहीं होते है, जिसके कारण हर जगह उन्हें उनके दर्जे का मान नहीं मिल पाता है. चाणक्य के अनुसार एक श्रेष्ठ महिला बनने के लिए इन तीन गुणों का होना बहुत जरूरी है. आइए जानते है उन गुणों के बारे में…
विनम्रता और दया
चाणक्य ने बताया है कि स्त्री में दया और विनम्रता होनी चाहिए. इन गुणों वाली स्त्री समाज को एक नई दिशा देने में सफल होती है. चाणक्य के अनुसार जिस महिला के पास दया और विनम्रता का भाव होता है उसका हर जगह सम्मान होता है. हर जगह उसको प्राथमिकता दी जाती है. इस भाव वाली स्त्रियां अपने क्रोध पर विजय प्राप्त कर लेती है और सभी के प्रति करूणा का भाव से रहती है.
धर्म का पालन
जो महिलाएं धन को बचा बचा कर रखती है, धन का संचय करती है, वो स्त्रियां अपने घर के लिए मां लक्ष्मी स्वरूप होती है, क्योंकि घर के बुरे समय में वो अपने घर की रक्षा करती है. बेफिजूल में धन खर्च ना करना उनकी पहली निशानी होती है. चाणक्य ने धन को प्राथमिकता देते हुए कहा है कि विपत्ति के समय धन ही सच्चा मित्र होता है. इसलिए धन की बचत करना चाहिए.
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