आप सभी को पता ही होगा कि इन दिनों खरमास चल रहा है। पंचांग के मुताबिक 14 मार्च 2021 से खरमास शुरू हुए थे। खरमास का समापन 14 अप्रैल 2021 को होगा। ऐसी मान्यता है कि खरमास में शादी विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन और घर निर्माण और कोई भी नए शुभ कार्य नहीं किए जा सकते हैं। खरमास में इन कार्यों को करने से शुभ फल नहीं मिलता है। शुभ कार्यों के लिए मार्च का महीना उपयुक्त नहीं होता है। मगर 24 मार्च को विशेष योग बन रहा है, जिसमें शुभ कार्यों को किया जा सकता है।
होलाष्टक की शुरुआत 22 मार्च से हो रही है। खरमास और होलाष्टक की वजह से मांगलिक कार्य नहीं हो सकते हैं। होलाष्टक होलिका दहन से आठ दिन पहले ही लग जाते हैं। पंचांग के मुताबिक होलिका दहन 28 मार्च को किया जाएगा। रंगों का त्यौहार इसके बाद 29 मार्च को मनाया जाएगा।
कब है पुष्य नक्षत्र
पंचांग के मुताबिक 24 मार्च को पुष्य नक्षत्र रहेगा। 23 मार्च को पुष्य नक्षत्र का शुभ कार्यों को करने के लिए सबसे उत्तम माना गया है। बता दें कि पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों में श्रेष्ठ माना गया है। ऋग्वेद में पुष्य नक्षत्र को मांगलिक तारा भी कहा गया है।
पुष्य नक्षत्र मुहूर्त
23 मार्च 2021 को रात्रि 10 बजकर 45 मिनट से पुष्य नक्षत्र का आरंभ।
24 मार्च 2021 को रात्रि: 11 बजकर 12 मिनट पर पुष्य नक्षत्र का समापन।
पुष्य नक्षत्र के उपाय
पुष्य नक्षत्र में शुभ कार्य करने से बहुत लाभ मिलता है। इस दिन, पूजा, स्नान और दान का भी महत्व है। साथ ही जिन लोगों के जीवन में धन संबंधी समस्या बनी हुई है वे पुष्य नक्षत्र में भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इस दिन शाम के समय लक्ष्मी जी की आरती व पाठ करना चाहिए और घर के मुख्य दरवाजे पर घी का दीपक जलाकर अवश्य रखें।
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