
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद को आज सदन से विदाई देते हुए पीएम मोदी अपने संबोधन में कई बार भावुक हो गए । उनका गला एक घटना को याद कर बार-बार रूंधता रहा । पीएम मोदी ने इसके लिए क्षमा मांगी और बार-बार पानी पीते रहे । लेकिन गुलाम नबी आजाद से जुड़ी उस बात को याद करते हुए वो बार-बार भावुक होने से खुद को रोक नहीं पाए । प्रधानमंत्री ने गुलाम नबी आजाद की तारीफ करते हुए कहा कि जो भी अब उनका पद संभालेंगे वो उनसे मैच नहीं कर पाएंगे ।
दल के साथ देश और सदन की भी चिंता
पीएम मोदी ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की तारीफ करते हुए कहा कि ‘मुझे चिंता इस बात की है कि गुलाम नबी जी के बाद इस पद को जो संभालेंगे, उनको गुलाम नबी जी से मैच करने में बहुत दिक्कत पड़ेगी। क्योंकि गुलाम नबी जी अपने दल की चिंता करते थे लेकिन देश की और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे।’
फोन कॉल का किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर उनके और गुलाम नबी आजाद के बीच हुई बहुत ही खास बातचीत का किस्सा बताया । प्रधानमंत्री इसे बताते हुए बार-बार भावुक हो रहे थे । पीएम ने कहा – शायद ही कोई ऐसी घटना हो जिसमें हम दोनों के बीच कोई संपर्क सेतु न रहा हो। एक बार आतंकियों ने हमला कर दिया। सबसे पहले मुझे गुलाम नबी जी का फोन आया। और वो फोन सिर्फ सूचना देने का नहीं था, उनके आंसू रुक नहीं रहे थे… फोन पर ही।
बार-बार भावुक हुए….
उस समय प्रणब मुखर्जी साहब डिफेंस मिनिस्टर थे। मैंने उनको फोन किया कि अगर फोर्स का हवाई जहाज मिल जाए.. डेड बॉडी लाने के लिए। उन्होंने कहा चिंता मत कीजिए। लेकिन रात में फिर गुलाम नबी जी का फोन आया। वे एयरपोर्ट थे। एयरपोर्ट से ही उन्होंने मुझे फोन किया और जैसे अपने परिवार के सदस्य की चिंता करेंगे, वैसी चिंता….। पीएम ये बताते हुए बार-बार भावुक हुए ।
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