पिछले लगभग 70 दिनों से देश की राजधानी दिल्ली में चल रहा तथाकथित किसान आंदोलन 26 जनवरी की हिंसा के बाद लगभग खत्म ही हो चुका था पुलिस ने इस मसले पर धड़ाधड़ कार्रवाई भी करनी शुरु कर दी है। ऐसे में अब आंदोलन को कमजोर होता देख एक तबके ने इस मुद्दे पर किसानों के प्रति सहानुभूति का एंगल देना शुरु कर दिया है। इस पर केवल देश के वामपंथी ही नहीं बल्कि भारत में बदलाव के विरोधी लोग भी बिना सोचे समझे बयान बाजी करने लगे हैं। ऐसे में अब इन सभी भारत विरोधी विदेशियों के संबंध में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने की तीखी टिप्पणी करते हुए साफ कर दिया है कि वो भारत के आंतरिक मुद्दों पर बिल्कुल भी दखल न दें।
तथाकथित किसान अब आंदोलन के नाम पर देश में अराजकता फैलाने लगे हैं और इसके चलते ये पूरी दुनिया में लाइमलाइट में आ गए है। अब ऐसा कैसे हो सकता है कि भारत के अस्थिर होने की संभावनओं की आग जल रही हो और भारत विरोधी उस मुद्दे पर अपने वक्तव्य के जरिए घी न डालें। एक असफल पॉप सिंगर रिहाना ने हाल ही में CNN की एक खबर ट्वीट कर भारत के तथाकथित किसान आंदोलन के पक्ष मे बयान देकर लोगों से उनका समर्थन करने की अपील की।
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने भी किसानों के समर्थन में ट्वीट किया था। वहीं इस मुद्दे पर बोलने वालों की हद्द तो तब हो गई, जब किसानों के इस अराजक आंदोलन के पक्ष में पॉर्न स्टार मिया खलीफा ने ट्वीट कर दिया। अब इतने फूहड़ लोगों के बयान आने के बाद भारत सरकार की सख्त प्रतिक्रिया बेहद जरूरी हो गई थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अस मुद्दे पर बेहूदी बयान बाजी करने वालों को सख्त निर्देश दिया है कि वो भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न ही करें तो बेहतर होगा।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन सभी मुद्दों को भारत के लिए निजी बताया है। मंत्रालय की तरफ से कहा गया, “इस तरह के मामलों पर टिप्पणी करने से पहले हम आग्रह करते हैं कि तथ्यों का पता लगाया जाए और मुद्दों की उचित समझ की जाए भारत की संसद ने पूर्ण बहस और चर्चा के बाद कृषि क्षेत्र से संबंधित सुधारवादी कानून पारित किए।” मंत्रालय के प्रेस नोट मे कहा गया, “सनसनीखेज सोशल मीडिया हैशटैग और कमेंट्स से लुभाने का तरीका, खासकर जब मशहूर हस्तियों और अन्य लोगों द्वारा किया गया हो तो यह न तो सटीक है और न ही जिम्मेदाराना है।”
साफ है कि इस मुद्दे पर एक बड़ा भारत विरोधी वर्ग है जो कि भारत के खिलाफ कैंपेन चला रहा है। इससे भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। इन लोगों को पता भी नहीं है कि असल में भारत में जो किसानों से जुड़े बिल पास हुए हैं वो किस तरह से देश के लिए सकारात्मक हैं।
ट्विटर से लेकर फेसबुक और इंस्टाग्राम पर ऐसे अकाउंट्स हैं, जहां से लगातार किसानों के समर्थन में अभियान चलाया जा रहा है। ये सभी किसान समर्थक सोशल मीडिया पर बेहूदा बयानबाजी कर रहे हैं ज्यादातर ऐसे अकाउंट्स हैं जो कि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा से ऑपरेट हो रहे हैं। ऐसे में इन सभी account की काट करना बेहद ही जरूरी हो गया था।
ऐसे में भारत विरोधी लोगों ने किसान आंदोलन के समर्थन में जो कैंपेन चलाया है, उसे तोड़ने के लिए अब देश की मोदी सरकार के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बता दिया है कि भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप तनिक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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