अजय, अक्षय और सुनील शेट्टी ने रिहाना, ग्रेटा और मिया के प्रोपेगेंडे की हवा निकाल दी


 कहते हैं, जो होता है अच्छे के लिए होता है। वामपंथियों ने पूरी तैयारी कर रखी थी कि वे भारत को नीचा दिखाने के लिए वैश्विक सेलेब्रिटी से ट्वीट करवाएंगे, और भारतीयों को अराजकतावादियों का समर्थन करने के लिए विवश करेंगे। परंतु अपने अतिउत्साह में वे ये बात भूल गए कि भारतवासी कुछ भी बर्दाश्त कर सकते हैं, परंतु अपने देश का अपमान कदापि नहीं, और पूरा भारत एकजुट होकर इन अराजकतावादियों के विरुद्ध खड़ा हो गया। बॉलीवुड से लेकर क्रिकेट जगत तक सभी ने इन बाहरी सितारों को आइना दिखाया।

बता दें कि 2 फरवरी की रात अमेरिकी गायक रिहाना ने किसान आंदोलन को लेकर हुए इंटरनेट शटडाउन के विषय में ट्वीट करते हुए कहा, “आपको नहीं लगता हमें इसके विरुद्ध कुछ करना चाहिए? #FarmersProtest”।

इसी प्रकार से ग्रेटा थनबर्ग और मिया खलीफा जैसे लोगों ने भी कथित किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया। इसमें कोई दो राय नहीं है कि ये सभी ट्वीट्स जानबूझकर भारत को बदनाम करने के उद्देश्य से किये गए। लेकिन किसी ने ये नहीं सोचा कि इन भड़काऊ ट्वीट्स के विरुद्ध पूरा देश एकजुट हो जाएगा। इसकी पहल की अजय देवगन, अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी ने, जिन्होंने इन प्रोपगैंडावादियों को आईना दिखाते हुए भारत की एकजुटता के विरुद्ध काम करने वालों को आड़े हाथों लेने की बात की। इसके बाद ये सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले जैसे बड़े दिग्गजों ने भी एकजुटता का प्रदर्शन किया 

CAA के विरोधियों की पिछले वर्ष धुलाई करने के बाद इस बार अजय देवगन ने किसान आन्दोलन के नाम पर अराजकता फैला रहे असामाजिक तत्वों को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “भारत और भारत की नीतियों के विरुद्ध किसी भी प्रोपेगेंडा का शिकार न बने। बिना आपस में लड़े इस समय हमें एकजुटता दिखानी है”।

परंतु वे अकेले नहीं थे। अक्षय कुमार ने भी अजय का साथ देते हुए ट्वीट किया, “किसान हमारे देश का एक अभिन्न हिस्सा हैं। जिस प्रकार से उनकी समस्याओं का निवारण हो रहा है, वो भी स्पष्ट सिद्ध करता है कि कौन उनके साथ है। वैमनस्य फैलाने वालों पर ध्यान देने से अच्छा बातचीत कर रास्ता निकालने के ऊपर होना चाहिए”।

सुनील शेट्टी भी पीछे नहीं रहे, और उन्होंने ट्वीट किया, “हमें निष्पक्षता से हर चीज का विश्लेषण करना चाहिए, क्योंकि अर्धसत्य से घातक कुछ भी नहीं होता”। 

जब वामपंथियों ने उन्हें घेरने का प्रयास किया, तो सुनील शेट्टी ने पीछे हटने के बजाए अधिक आक्रामक होकर उनका सामना किया और बताया कि एक किसान परिवार से आने के नाते उन्हे भी अपनी बात रखने का अधिकार है। सुनील के अनुसार, “मैं अपने किसान भाइयों का समर्थन कर रहा हूँ। मैं भी किसान हूँ, पर मेरे लिए राष्ट्र हित से ऊपर कुछ नहीं”।

लग गए, जैसे रैपर जैज़ धामी ने अजय देवगन के साथ करने का प्रयास किया। परंतु यह भूल गए कि यह तीनों अभिनेता अपने ‘मिट्टी से जुड़े’ अभिनय और अपने सौम्य स्वभाव के कारण ग्रामीण भारत में काफी लोकप्रिय है। देश गांवों में आज भी कई लोग इनके फिल्मों के संवाद दोहराते हैं, और ऐसे में हर किसी को ‘बिका हुआ’ कहने से वामपंथियों की ही छवि खराब होगी, जो अब हो भी रही है। 

विदेशी कलाकारों और कथित एक्टिविस्ट से ट्वीट करवाना किस प्रकार से वामपंथियों के लिए भारी पड़ रहा है, ये आप दो प्रसिद्ध भारतीय हस्तियों के ट्वीट्स से ही समझ सकते हैं। प्रसिद्ध क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट किया, “भारत की अखंडता से कोई समझौता नहीं। विदेशी ताकतें दर्शक हो सकते हैं, प्रतिभागी नहीं। भारतीय भारत को बेहतर जानते हैं और उन्हे भारत के लिए तय करना चाहिए क्या बेहतर है। एक राष्ट्र के तौर पर एकजुट रहना आवश्यक है”।

लेकिन सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर के ट्वीट से। उनके अनुसार, “नमस्कार, भारत एक अद्भुत राष्ट्र है और सभी भारतीय सदैव अपना सर गर्व से ऊंचा रखते हैं। एक भारतीय नागरिक होने के नाते मुझे विश्वास है कि हम किसी भी समस्या से निपटने के लिए सक्षम हैं। जय हिन्द”।

अंतर्राष्ट्रीय सेलिब्रिटी से ट्वीट करवाके वामपंथी ‘किसान आंदोलन’ के नाम पर भारत का सिर शर्म से झुकाने चले थे, परंतु इस कृत्य ने उलटे भारतीयों को भारत की बर्बादी चाहने वालों के विरुद्ध एकजुट कर दिया, ठीक वैसे ही जैसे टुकड़े टुकड़े गैंग के सदस्यों के नारों ने 2016 में पूरे देश को एकजुट किया था। शायद वामपंथी यह भूल गए हैं कि आसमान में जो थूकते हैं, तो वह पलटकर उन्हीं पर वापिस गिरता है।  

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