किसान आंदोलन को लेकर जहां एक तरफ अराजक लोग देश में अस्थिरता फैलाने की कोशिश करने में जुटे हैं तो दूसरी ओर पंजाबी गायक इस मुद्दे पर पंजाबी अस्मिता के नाम पर एकजुट होकर किसानों के हक को लेकर बेहूदा बयानबाजी कर रहे हैं। दिलजीत दोसांझ इन गायकों की सूची में सबसे आगे हैं, लेकिन एक सिंगर ऐसा भी है जो कि इन सारी बयानबाजियों से दूर रहता है और वो हैं गुरु रंधावा। उनके साधारण रवैए के चलते फर्जी किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे लोग गुरु से नफरत कर रहे हैं और उनके प्रति अपत्तिजनक बातें कर रहे हैं।
गुरु रंधावा आखिरी बार विवादों में तब आए थे जब उनका गाना “लगदी लाहौर दी” रिलीज हुआ था। लोगों का कहना था कि इस गाने में पाकिस्तान का उल्लेख हुआ है। इसक नतीजा ये हुआ कि गुरु ने अपने गाने के लिरिक्स लाइव कॉन्सर्ट के दौरान चेंज कर दिए। किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने समर्थन जरूर किया था लेकिन वो ज्यादा मुखर नहीं हैं। हाल ही में उनका एक गाना रिलीज होने वाला है जिसमें वो भारतीय सैनिक का किरदार निभा रहे हैं। ऐसे में उन्होंने एक सेना के कपड़ों में तस्वीर शेयर की है। तथाकथित खालिस्तानी किसान आंदोलन के समर्थक और अराजकतावादी लोग उनके लिए बेतुकी बयानबाजी कर रहे हैं।
गुरु रंधावा के ट्वीट पर लोग कमेंट करके उनकी आलोचना केवल इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वो सशस्त्र बलों के प्रति अपना गर्व जाहिर कर रहे हैं। उनके लिए लगातार अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया जा रहा है। ये पूरा प्रकरण साबित करता है कि इन तथाकथित किसानों को या उनके आंदोलन का समर्थन करने वालों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कृषि क्षेत्र में क्या नए बदलाव हुए हैं क्योंकि उनका मुख्य मकसद अराजकता फैलाने का ही है।
ऐसा पहली बार नहीं है कि गुरु के खिलाफ इस तरह का विरोध पंजाबियों द्वारा सामने आया हो। इससे पहले 2019 में जब गुरु एक कॉन्सर्ट के लिए कनाडा गए थे तो वहां के लोगों ने गुरु के खिलाफ नारेबाजी करने के साथ ही मारपीट भी की थी। जिस दौरान उनको सिर पर चोट भी आई थी, वो इस बात का एक और उदाहरण है कि गुरु रंधावा के खिलाफ विरोध होना कोई नई बात नहीं हैं।
फर्जी किसान आंदोलन कर रहे अराजक लोग कृषि कानूनों के मुद्दे पर देश में बेवजह झूठ फैला रहे हैं। इन लोगों को इस बात का पता भी नहीं है कि असल में नए कानूनों के प्रावधान क्या क्या हैं। ये लोग बस किसान संगठनों के नेताओं द्वारा बरगलाए जाने के बाद से ही हर उस शख्स के विरोध में उतर आए हैं जो कि किसानों के आंदोलन का खुलकर समर्थन नहीं कर रहे है।
ये लोग चाहते हैं कि ये दिल्ली में अराजकता फैलाते रहें लेकिन फिर भी लोग इनका समर्थन ही करते रहें। वहीं गुरु से तो इन लोगों की नफरत काफी पुरानी है, बस अब वो किसान आंदोलन के बहाने सामने आ रही है।
आपको ये पोस्ट कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए आप बॉलीकॉर्न.कॉम (bollyycorn.com) के सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पेज को फॉलो करें।
Post a Comment