शादीशुदा धर्मेंद्र के लिए हेमा मालिनी बन गई थीं मुस्लिम, नाम और धर्म बदलकर रचाई शादी


वैलेंटाइन वीक शुरू हो गया है और चारों ओर प्यार, मोहब्बत के चर्चे हो रहे हैं। ऐसे में बॉलीवुड के स्टारों के प्यार की बात न हो तो वीक थोड़ा अधूरा लगता है। बॉलीवुड के कलाकारों की प्रेम कहानी भी काफी दिलचस्प हैं जिन्हे सभी पढ़ना चाहते हैं। ऐसी ही एक प्रेम कहानी बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी और धर्मेंद्र की भी है। आज हम आपको इन लव बर्ड्स की लव स्टोरी के बारे में बताते हैं। हेमा ओर धर्मेंद्र का प्यार फिल्म ‘सीता और गीता’ की शूटिंग के दौरान आगे बढ़ा। जबकि धर्मेंद्र शादीशुदा थे ओर उनके बच्चे थे मगर फिर भी दोनों एक दूसरे के पास आ गए। ‘सीता और गीता’ के बाद भी दोनों ने कई फिल्मों में एक साथ काम किया। इसी बीच एक शॉट के दौरान धर्मेंद्र ने अचानक हेमा मालिनी को प्रपोज़ कर दिया।

जब इनके प्यार के चर्चे हेमा के पिता वीएसआर चक्रवर्ती तक पहुंचे तो वो बहुत परेशान हो गए। उस समय की मैगजीन में लगातार ये खबरें छप रही थीं कि इस रिश्ते को तोड़ने के लिए हेमा की फैमिली उनपर बहुत दबाव डाल रहा है मगर हेमा के लिए धर्मेंद्र से दूर रहना नामुमकिन हो गया था। फिल्म ‘शोले’ की शूटिंग के दौरान धर्मेंद्र ने कैमरा मैन से एक सीन को बार-बार शूट करने के लिए कहा। धर्मेद्र इस सीन को बार बार शूट करवाना चाहते थे जिससे वो हेमा के साथ अधिक से अधिक समय स्पेंड कर सकें।

हेमा मालिनी उस दौर में सभी की ड्रीम गर्ल थीं फिर वो चाहे कोई कलाकार हो या फिर आम आदमी। इसी बीच संजीव कुमार का दिल भी उन पर आ गया था। संजीव कुमार ने अपने दोस्त जीतेंद्र के हाथ हेमा को शादी का प्रपोजल भेज दिया मगर हेमा की मां ने इस रिश्ते के लिए इनकार कर दिया। जब हेमा ने संजीव कुमार के साथ शादी से इंकार कर दिया तो खुद संजीव कुमार के खास दोस्त जीतेन्द्र ने अपने मन की बात हेमा के सामने रख दी।

हेमा मालिनी की जीवनी Hema Malini – The Authorized Biography के अनुसार 1974 में बंगलौर में फिल्म ‘दुल्हन’ की शूटिंग के दौरान जीतेन्द्र और हेमा मालिनी ने साथ में काफी समय बिताया और जैसे ही फिल्म की शूटिंग खत्म होने का समय पास आया जीतेन्द्र बिना कोई देर किए अपने माता-पिता को लेकर चेन्नई पहुंच गए, जहां हेमा मालिनी का बंगला था। वो चाहते थे कि शादी की बातचीत मुंबई से दूर चेन्नई में हो। उन्होंने हेमा मालिनी से कहा कि वो भी अपने माता-पिता को बुला लें जिससे दोनों फैमिली शादी की बात कर सकें।

ऐसा इसलिए भी था क्योंकि जीतेंद्र हेमा से शादी करने की जल्दी में थे। उन्होंने हेमा से कहा कि वो उनके साथ तिरुपति चलें और उनसे शादी कर लें। हेमा इस बारे में सोच ही रही थी कि फोन की घंटी बजी मगर इस बार फोन पर धर्मेन्द्र नहीं थे बल्कि लंबे वक्त से जीतेन्द्र की गर्लफ्रेंड एयर होस्टेस शोभा सिप्पी थीं। शोभा को भी चेन्न्ई में चल रहे इस पूरे ड्रामे की खबर लग चुकी थी और उन्होंने भी जीतेन्द्र को अपने प्यार की कसम देकर समझाया कि वो जल्दबाजी में कोई कदम ना उठाएं।

 इस बारे में जैसे ही ख़बरें छपीं अगली फ्लाइट से धर्मेन्द्र चेन्नई पहुंच गए और हेमा को जीतेन्द्र के साथ रिश्ता तोड़ने के लिए कह दिया। हेमा मालिनी के पिता की अचानक मौत हो गई। हेमा मालिनी उनके बहुत ही करीब थीं और उनकी मौत के बाद वो अकेली हो गईं। ऐसे समय में धर्मेंद्र ने उनकी हिम्मत बढ़ने के साथ साथ, उनका साथ दिया। उसके बाद हेमा ने धर्मेंद्र से शादी करने का निर्णय कर लिया।

कानून के अनुसार धर्मेंद्र पहली पत्नी के होते हुए दूसरी शादी नहीं कर सकते थे। यही वजह थी कि 21 अगस्त 1979 को इस्लाम धर्म कबूल करते हुए धर्मेंद्र और हेमा मालिनी ने निकाह कर लिया। निकाहनामे के अनुसार धर्मंद्र का नाम था दिलावर खान और हेमा का नाम था आयशा बी। उस वक्त दोनों ने अपने निकाह की बात छिपाई मगर जब ये खबर सबको पता चली तो हड़कंप मच गया। उस दौर में भी इसे लेकर बहुत विवाद हुआ। जिसके बाद धर्मेन्द्र और हेमा ने निकाह के कुछ महीने बाद 2 मई 1980 को हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार भी शादी कर ली।

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