सुपरहिट एक्ट्रेस से लेकर गुमनामी की जिंदगी, 3 दिनों तक इस हसीना का घर में सड़ता रहा शव

 


यूं तो हिंदी सिनेमा जगत में कई खूबसूरत हसीनाएं आई और गई लेकिन 40 के दशक से लेकर 60 के दशक तक बॉलीवुड इंडस्ट्री पर राज करने वालीं अभिनेत्री नलिनी जयवंत (Nalini Jaywant) ने उस जमाने की हर एक्ट्रेस को खूबसूरती में मात दी. भले ही आज नलिनी जयवंत हम सबके बीच नहीं है लेकिन अगर वो जिंदा होती तो 95वां जन्मदिन (Nalini Jaywant Birthday) मना रही होतीं. नलिनी जयंवत ने अपने टैलेंट के दम पर लोगों के दिलों में खास जगह बनाई. नलिनी ने साल 1941 में महबूब खान की फिल्म ‘बहन’ से फिल्मी दुनिया में कदम रखा था और उस वक्त एक्ट्रेस टीएनज में थीं.

नलिनी ने पहली फिल्म से ही ऐसा जादू चलाया कि, उनकी डिमांड बढ़ने लगी. उस दौर के सुपरस्टार्स दिलीप कुमार, अशोक कुमार, देव आनंद सभी नलिनी के साथ काम करने की चाहत रखते थे. मेकर्स भी नलिनी को अपनी फिल्म में लीड रोल देने के लिए मुंहमांगी रकम देने को तैयार रहते थे.

नलिनी अपनी डेब्यू फिल्म से फेमस हो गई थीं लेकिन जब उन्होंने अशोक कुमार के साथ फिल्म ‘समाधि’ और ‘संग्राम’ में काम किया तब उनके चर्चे हर जगह होने लगे थे. फिर नलिनी ने ‘जलपरी’, ‘सलोनी’, ‘काफिला’, ‘नाज’, ‘लकीरें’, ‘नौ बहार’, ‘तूफान में प्यार कहां’, ‘शेरू’ और ‘मिस्टर एक्स’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया और टैलेंट के दम पर हिंदी सिनेमा जगत में अपनी एक्टिंग का लोहा बनवाया. नलिनी जयवंत को अपने फिल्मी करियर में कभी काम की कमी नहीं रही. लेकिन एक वक्त ऐसा जब आया जब एक सुपरहिट एक्ट्रेस गुमनामी की जिंदगी में गुम हो गई. 

मधुबाला को दी थी मात
साल 1952 में मशहूर मैगजीन ‘फिल्मफेयर’ ने एक ब्यूटी पोल किया था जिसमें कई हसीनाएं शामिल थीं और नलिनी ने सुंदरता के मामले में मधुबाला को मात देते हुए पहले नंबर पर कब्जा किया.ग्लैमर वर्ल्ड की चकाचौंध में नलिनी खूब चमकी लेकिन एक समय में आकर वह न सिर्फ अपने फैंस बल्कि परिवार से भी पूरी तरह दूर हो गई.

दो शादियां
नलिनी जयंवत उन अभिनेत्रियों में से रही जिनकी पहली शादी सफल नहीं हुई. एक्ट्रेस ने पहली शादी फिल्म निर्देशक वीरेंद्र देसाई से की थी लेकिन शादी के तीन साल बाद दोनों का रिश्ता तलाक तक पहुंच गया. इसके बाद 1960 में एक्ट्रेस ने एक्टर प्रभु दयाल से दूसरी शादी रचाई, इनकी शादी तो चली मगर 2001 में प्रभु दयाल का निधन हो गया और एक्ट्रेस अकेली पड़ गई. इतना नाम कमाने के बाद भी नलिनी जयंवत को अपने जीवन के आखिरी पलों में गुमनामी की जिंदगी जीनी पड़ी और 20 दिसंबर, 2010 को नलिनी दुनिया छोड़ गई. कहा जाता है कि, नलिनी की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी और लोगों को तीन दिन बाद इसके बारे में पता चला था. यानि तीन दिनों तक नलिनी का शव घर में सड़ता रहा था.

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