‘WhatsApp के दिन लद गये हैं’, WhatsApp बनाने वाला ही उसे बंद करने के लिए Signal के साथ वापसी की है


हाल ही में Whatsapp तब विवादों के घेरे में आ गया जब उसके  द्वारा privacy policy के नाम पर लोगों का डेटा चुराने के आरोप लगने लगे । इसके तहत यूजर्स का फोन नंबर, बैंकिंग ट्रांजैक्शन डेटा, सर्विस-रिलेटेड इन्‍फॉर्मेशन, दूसरों से सभी तरह के तरह इंटरेक्टशन की डिटेल्स, मोबाइल डिवाइस इन्‍फॉर्मेशन, आईपी एड्रेस, WhatsApp सर्विस और डेटा की प्रोसेसिंग तक की जानकारी WhatsApp अपने पास रखने वाला है।

ऐसे में डेटा चोरी की शंकाओं के बीच लोगों ने नए एप्लीकेशन को डाउनलोड करना शुरू किया है, जिसका सबसे अधिक लाभ सिग्नल और टेलीग्राम को हो रहा है। सिग्नल एप्प  भारत में सबसे अधिक तेजी से डाउनलोड हो रहा है। मजेदार बात यह है कि Whatsapp और Signal दोनों के निर्माता एक ही व्यक्ति हैं। WhatsApp को साल 2009 में Brian Acton और Jan Kaum ने मिलकर बनाया था। दोनों शख्स Yahoo कंपनी में नौकरी करते थे, लेकिन इन दोनों ने 2009 में Yahoo की नौकरी छोड़कर साल 2009 में WhatsApp बनाया।

WhatsApp को चलाने के लिए शुरुआत में पैसे देने पड़ते थे, लेकिन फरवरी 2014 में WhatsApp को Facebook ने करीब 19 बिलियन डॉलर (1.2 लाख करोड़ रुपये) में खरीद लिया। इसके बाद WhatsApp सभी के लिए फ्री हो गया।

लेकिन फेसबुक द्वारा Whatsapp के जरिये अपने उपभोक्ताओं का डेटा चुराए जाने के बाद, Brian Acton को यह बात सताने लगी कि उन्होंने अपने उपभोक्ताओं की प्राइवेसी को बेच दिया है। इसी कारण से उन्होंने 2018 में एक नए मैसेजिंग ऐप Signal का निर्माण किया। इसका निर्माण Brian Acton ने Moxie Marlinspike के साथ मिलकर किया है। इसका संचालन फेसबुक की तरह निजी कंपनी नहीं करती। बल्कि सिग्नल नाम के नॉन प्रॉफिट संगठन द्वारा इसका संचालन किया जाता है।

यह एक ओपन सोर्स एप्लीकेशन है, जो प्राइवेसी मामले में WhatsApp से कहीं आगे है।Signal से भेजे जाने वाले ऐप एंक्रिप्टेड होते हैं। मतलब इस प्लेटफॉर्म पर प्राइवेट मैसेज और मीडियो को एक्सेस नहीं किया जा सकेगा। साथ ही इन्हें किसी सर्वर पर स्टोर नहीं किया जा सकेगा। जबकि WhatsApp एंड टू एंड एंक्रिप्शन उपलब्ध कराया जाता है। जिससे प्राइवेट इंफॉर्मेशन जैसे IP एड्रेस, ग्रुप डिटेल और स्टेट्स को एक्सेस किया जा सकता है। WhatsApp से अलग Signal केवल फोन नंबर को एक्सेस करता है।

बता दें कि Whatsapp की नई प्राइवेसी पॉलिसी ने उसका काफी नुकसान किया है। WhatsApp की नई पॉलिसी जारी होने के महज सात दिनों में भारत में उसका डाउनलोड्स 35 फीसदी तक कम हुआ है।इसका लाभ सीधे तौर पर सिग्नल और टेलीग्राम जैसे अन्य एप्प को हो रहा है। 40 लाख से अधिक यूजर्स ने सिग्नल (Signal) और टेलीग्राम (Telegram) एप को डाउनलोड किया है जिनमें 24 लाख डाउनलोड्स सिग्नल के और 16 लाख टेलीग्राम के हैं।

महिंद्रा कंपनी समूह और टाटाग्रुप के चेयरमैन सहित पेटीएम और फोनपे जैसी कंपनियों ने भी व्हाट्सएप को अलविदा कह दिया है। भारत के बाहर पहले ही Facebook-Whatsapp के रवैये के कारण इससे हटने की बात उठ चुकी है। टेस्ला के मालिक Elon Musk ने पहले ही Signal के इस्तेमाल की अपील की थी। भारत में व्यापारिक संगठन सरकार से whatspp पर बैन लगाने का अनुरोध कर चुके हैं। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि व्हाट्सएप की जरूरत से अधिक समझदारी दिखाने की कोशिश उसे भारी पड़ गई है।

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