‘TMC के 41 विधायक BJP में आने के लिए तैयार हैं’, कैलाश विजयवर्गीय ने दी ममता को चेतावनी


पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के लिए दलबदलुओं ने मुसीबतें खड़ी कर रखी हैं। आए दिन उनका कोई-न-कोई बड़ा नेता पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम रहा है। ऐसे में बीजेपी के बंगाल चुनाव प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ममता दीदी पर सबसे बड़ी मुसीबत बन गए हैं, क्योंकि वो लगातार ममता दीदी की पार्टी पर बड़ा राजनीतिक बम गिरा रहे हैं। अब उन्होंने ऐलान किया है कि बीजेपी के संपर्क में 41 तृणमूल विधायक हैं, जो बीजेपी में आने को आतुर हैं।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राजनीतिक स्थिति उसी दिन बिगड़ गई थी जब उनके सबसे विश्वसनीय शुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी का साथ छोड़ा था। अब आए दिन टीएमसी से एक रेला निकलता है जिसकी नई राजनीतिक मंजिल कोलकाता के ही बीजेपी दफ्तर तक जाती है। ऐसे में जब ममता दीदी पर राजनीतिक मुश्किलों का पहाड़ टूट रहा है तो बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय उसे तीव्रता देने में तनिक भी गुरेज नहीं कर रहे हैं और टीएमसी विधायकों से संपर्क के जरिए लगातार ममता दीदी का किला दरका रहे हैं।

हाल ही में उन्होंने कहा है कि ममता दीदी की सरकार को समर्थन दे रहे 41 टीएमसी विधायक हमारे संपर्क में हैं। उन्होंने कहा, “मेरे पास 41 ऐसे विधायकों की सूची है जो बीजेपी में आना चाहते हैं। अगर मैं इन 41 विधायकों को बीजेपी में ले लूंतो वहां (बनर्जी की) सरकार गिर जाएगीपर हम देख रहे हैं कि इनमें से किसे लेना है और किसे नहीं। हमने सोचा है कि अगर इनमें से किसी विधायक की छवि खराब हैतो हम उसे बीजेपी में नहीं लेंगे।” विजयवर्गीय का कहना है कि वे केवल सही और कर्मठ टीएमसी कार्यकर्ताओं को ही अपनी पार्टी में जगह देंगे, लेकिन उनके पास इतनी ताकत है कि वो बंगाल में ममता दीदी की सरकार तो गिरा ही सकते हैं।

यही नहीं, हाल ही में टीएमसी सांसद ने हाथरस रेप केस को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी के फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लिया था, लेकिन कैलाश विजयवर्गीय ने सीएम योगी की तारीफ में कहा, “इन लोगों को लगता है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार आएगीतो घुसपैठियों की पहचान की जाएगी और उन्हें वहां अवैध गतिविधियां चलाने का मौका नहीं मिलेगाजिस प्रकार योगी आदित्यनाथ ने उत्तरप्रदेश में गुंडों के बाजे बजा दिए हैं।”

कैलाश विजयवर्गीय ने अन्य सभी मुद्दों पर तो ममता बनर्जी को घेरा है लेकिन जिस तरह से उन्होंने टीएमसी विधायकों की इतनी बड़ी संख्या का बीजेपी में आने का बम फोड़ा है वो टीएमसी के लिए ख़तरनाक है। बीजेपी लगातार बंगाल में विस्तार कर रही है। ऐसे में इस महीने के अंत तक बीजेपी नेता और देश के गृह मंत्री अमित शाह फिर बंगाल दौरे पर आ सकते हैं। ऐसे में फिर टीएमसी नेताओं का एक बड़ा रेला बीजेपी में आ सकता है और ममता दीदी की वर्तमान सरकार की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं।

टीएमसी विधायकों और कार्यकर्ताओं का जत्था बीजेपी में जाना ममता दीदी की चुनाव से पहले ही सरकार गिरा सकता है जो कि उनके लिए एक बेहद ही शर्मनाक बात होगी, साथ ही बीजेपी ममता दीदी को अब ऐसी स्थिति में पहुंचाती दिख रही है, जहां टीएमसी के पास चुनाव में टिकट देने के लिए भी योग्य उम्मीदवार तक नहीं होंगे। वहीं बीजेपी के बढ़ते प्रभाव के बीच ममता दीदी ने लेफ्ट और कांग्रेस से बीजेपी को रोकने के लिए मदद मांगी थी, लेकिन वो लोग तो ममता को ही आड़े हाथों लेते हुए ये तक कह रहे हैं कि ममता को कांग्रेस में अपना विलय कर लेना चाहिए। वहीं एक तीसरा मोर्चा हैदराबादी सांसद और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने खोल रखा है जो कि ममता के मुस्लिम कोर वोटरों पर सेंध लगाने को आमादा हैं जिसके चलते ममता दीदी का चुनावी गणित बिगड़ता जा रहा है।

इन हजारों मुसीबतों के बीच ममता दीदी के लिए दोहरी मुश्किलें हैं या तो वो बीजेपी से और अन्य सभी पार्टियों से चुनाव के लिए लड़ने की तैयारी पर ध्यान दें और या फिर ससम्मान चुनाव तक अपनी सरकार को चलाने और बचाने पर फोकस करें, ये दोनों ही उनके लिए मुश्किल टास्क बन गए हैं।

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