“PM मोदी अब तक के सबसे ताकतवर प्रधानमंत्री हैं और उनसे भिड़ने के लिए हम अभी तैयार नहीं” बोले इमरान खान


शायद इमरान खान को आभास होने लगा है कि नरेंद्र मोदी की सरकार किस पद्वति पर चलती है। इसीलिए वे अब इस बात को स्वीकारने से बिल्कुल नहीं हिचकिचा रहे कि पाकिस्तान प्रशासन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार से निपटने में असक्षम है।

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल की वीडियो क्लिप वायरल हो रही है, जिसमें इमरान खान नरेंद्र मोदी के सरकार के प्रभुत्व का बखान कर रहे हैं। हालांकि ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह वीडियो किस तारीख की है, पर बातचीत की शैली से इतना समझ में आता है कि यह वीडियो ज्यादा से ज्यादा एक दो हफ्ते पुरानी हो सकती है –

इस वीडियो में इमरान खान एक सभा को संबोधित करते हुए कहते हैं, “पाकिस्तान को एक मजबूत फौज की जरूरत है। यह आज की जरूरत है, क्योंकि हमारे साथ जो हमारा हम साया है… वहाँ 73 साल में ऐसी हुकूमत नहीं आई, जो आज हिंदुस्तान में है।”

इसी की ओर अभी कुछ ही दिनों पहले अप्रत्यक्ष रूप से इशारा करते हुए इमरान खान ने पीएम मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बीच तुलना भी की। तुर्की न्यूज चैनल से किये साक्षात्कार के दौरान इमरान खान ने कहा, “हिंदुस्तान में इस समय आरएसएस से प्रेरित एक सरकार शासन में है, जबकि इससे पहले वाजपेयी जैसे प्रधानमंत्री अमन शांति की बात करते थे” 

अब इमरान खान अपने विश्लेषण में गलत भी नहीं है, क्योंकि पाकिस्तानी प्रशासन पूर्ववर्ती सरकारों के मुकाबले मोदी सरकार की कूटनीति के सामने फिसड्डी ही साबित हुआ है। निरंतर आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान को मोदी सरकार के नेतृत्व में भारतीय सुरक्षा बलों ने हर बार मुंहतोड़ जवाब दिया है। अब भारत पहले की तरह रणनीतिक मोर्चे पर विजयी होकर कूटनीति के मेज पर नहीं हारता।

चाहे 2016 में उरी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा किये गए सर्जिकल स्ट्राइक्स हो, या फिर पुलवामा नरसंहार के जवाब में भारतीय वायुसेना द्वारा किये गए एयर स्ट्राइक्स हो, दोनों ही जगह भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट किया है कि अब भारत पहले की तरह बातचीत के जाल में उलझने नहीं वाला है।

इसके अलावा कूटनीति के मोर्चे पर पाकिस्तान जिस कश्मीर के राग के बदले अपने लिए समर्थन से लेकर वित्तीय सहायता जुटाता था, अब उसी के कारण इस्लामिक बहुल देश तक उसे दूर भगा रहे हैं। सऊदी अरब हो, या फिर यूएई , पाकिस्तान को कहीं से भी किसी प्रकार की सहायता नहीं मिल रही। यहाँ तक कि संयुक्त राष्ट्र में भी पाकिस्तान और उसके विश्वसनीय ‘मित्र’ चीन द्वारा पेश किये गए हर भारत विरोधी प्रस्ताव को कोई भाव नहीं दिया जाता।

इतना ही नहीं, पाकिस्तान के कश्मीरी राग को भी भारत ने अपने पाले में करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अब जब भी पाकिस्तान कश्मीर की माला जपता है, भारत तुरंत POK का मुद्दा उठा देता है।
ऐसे में इमरान खान ने जब ये कहा कि पीएम मोदी जैसे प्रधानमंत्री से पाकिस्तानी प्रशासन का पहले कभी पाला नहीं पड़ा है, तो वे ये स्पष्ट संदेश भेज रहे हैं कि पाकिस्तानी प्रशासन मोदी सरकार से निपटने में नाकाम रही है, और उसे समझ में नहीं आ रहा है कि आगे क्या करे।

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