बिहार की बेटी सौम्या झा पढ़ाई में शुरुआत से ही अव्वल रही हैं । यही वजह रही कि सिविल सर्विसेज में जाने के अपने सपने को उन्होंने पहले ही प्रयास में पूरा कर लिया । सौम्या ने साल 2016 में यूपीएससी सीएसई की परीक्षा 58वीं रैंक के साथ टॉप की थी । खास बात ये कि आईएएस बनने से पहले सौम्या ने डॉक्टर की पढ़ाई भी की है, वो एमबीबीएस भी कर चुकी थीं ।
माता-पिता हैं प्रेरणा
सौम्या की शुरुआती पढ़ाई बिहार में ही हुई है, उनकी मां भी डॉक्टर हैं और रेलवे में काम कर रही हैं । उनके पिता आईपीएस ऑफिसर हैं । सिविल सेवा के क्षेत्र में आने का ख्याल सौम्या को अपने पिता की वजह से ही आया, हालांकि फैसला लेने में उन्होंने थोड़ा समय लिया, क्योंकि इससे पहले वो मेडिकल की पड़ाई कर डॉक्टर बनना चाहती थीं ।
पहले ही अटेम्प्ट में जीत ली बाजी
सौम्या ने अपने पहले ही अटेम्प्ट में सफलता हासिल करने की योजना तैयार की थी, और वो इसमें सफल भी रहीं । पहली ही बार में सौम्या ने न केवल सफलता हासिल की बल्कि वे टॉपर भी बन गईं । सौम्या ने तैयारी को लेकर दूसरे छात्रों को अहम सलाह भी दी है, उन्होंने छात्रों को कहा कि हमेशा खुद की तैयारी करें । कभी भी किसी दूसरे को देखकर या उसकी स्ट्रेटजी जानकर अपने लिए योजना न बनाएं । सौम्या ने कहा कि किसी दूसरे के हिसाब से आगे बढ़ेंगे तो कहीं नहीं पहुंचेंगे उल्टा डिप्रेशन में आ जाएंगे ।
प्रैक्टिस है जरूरी
सौम्या ने परीक्षा देने वाले छात्रों को प्रैक्टिस पर जोर देने को कहा है, उनके मुताबिक इसमें पिछले साल के पेपर्स बहुत हेल्पफुल रहते हैं । सिलेबस को ठीक से देखना जरूरी है, लेकिन पिछले साल के पेपर देखकर यह जरूर चेक करें कि उन विषयों से प्रश्न कैसे बनते हैं । खूब मॉक टेस्ट देने और रिवीजन करने पर सौम्या ने जोर दिया है । उनके मुताबिक नोट्स जितने हो सकें उतने छोटे बनाएं ताकि अंत में समस्या न हो । इसके अलावा सौम्या ने कहा कि आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस भी बहुत जरूरी है, लेकिन ये तब शुरू करें जब आपकी पढ़ाई पूरी हो जाए । अगर कुछ आता ही नहीं तो उसके आंसर कैसे लिखेंगे। लगन के साथ आगे पढ़े, हताश और निराश ना होएं ।
Post a Comment