कई दिनों के हो हल्ला और जैक मा के गायब रहते ही अब चीन से यह खबर सामने आ रही है कि CCP ने अलीबाबा ग्रुप का राष्ट्रीयकरण करने का फैसला ले लिया है। IBTimes की रिपोर्ट के अनुसार चीनी सरकार जैक मा के अलीबाबा और Ant Group का राष्ट्रीयकरण करने की योजना पर काम कर रही है। चीन की सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अलीबाबा में एंटीट्रस्ट जांच के साथ अब आगे बढ़ गई है। ऐसा लगता है कि CCP द्वारा जैक मा के खिलाफ कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य ही उनकी कंपनी का राष्ट्रीयकरण करना था जिससे शी जिनपिंग उनकी बढ़ती ताकत को अपनी मुट्ठी में कर सके।
रिपोर्ट के अनुसार, “सरकार ने हाल के दिनों में State Administration for Market Regulation से मिली जानकारी के आधार पर, अलीबाबा की संदिग्ध एकाधिकार गतिविधियों के लिए… की जांच की जाएगी।”
चीनी जांच एजेंसियों ने नवंबर में ही अलीबाबा मुख्यालय में अपना एक कार्यालय स्थापित किया था। अलीबाबा पर सरकार की कार्रवाई के कारण उसके स्टॉक को 8 प्रतिशत तक का घाटा हुआ था। जिस तरह से सीसीपी एक के बाद एक जांच के दायरे को बढ़ा रही है उसे देखा जाए तो यह उसके अलीबाबा ग्रुप के राष्ट्रीयकरण की योजनाओं का हिस्सा ही नजर आएगा।
अब जब जांच एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है तो संभवतः इसका ऑर्डर CCP के शीर्ष पदों पर से आ रहा है। शी जिनपिंग और CCP स्पष्ट रूप से चाहते हैं कि अलीबाबा का राष्ट्रीयकरण अन्य निजी कंपनियों के लिए एक उदाहरण बने जिससे देखते हुए वे कभी भी चीन के भीतर सरकार या किसी CCP नेता पर उंगली न उठा सके। कुछ दिनों पहले, CCP के आधिकारिक मुखपत्र पीपल्स डेली ने कहा था कि सरकार की ‘Anti-Monopoly Work’ से कुछ बेहतर होने वाला है।
अखबार ने कहा कि पार्टी पोलित ब्यूरो पूंजी के अव्यवस्थित विस्तार को रोकने के लिए ‘Anti-Monopoly Work को मजबूत करना चाहती है।
जैसे ही एंटीट्रस्ट जांच आगे बढ़ेगी पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना, चाइना बैंकिंग रेगुलेटरी कमीशन, चाइना सिक्योरिटीज रेगुलेटरी कमीशन और स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज भी अलीबाबा के खिलाफ जांच में जुट जाएंगे। यानि आने वाले समय में अली बाबा के लिए और मुश्किल होने वाले हैं। इसी तरह बेहतर प्रशासन का बहाना देते हुए CCP अलीबाबा का राष्ट्रीयकरण कर देगी, जिसके बाद कंपनी पर शी जिनपिंग का पूर्णाधिकार हो जाएगा।
बता दें कि जैक मा द्वारा 24 अक्टूबर को शंघाई सम्मेलन में चीन की वित्तीय नियामक प्रणाली की आलोचना करने के कारण शी जिनपिंग ने जैक को किसी प्रकार का मौका नहीं दिया। एक हफ्ते बाद ही शी जिनपिंग के इशारे पर चीनी अधिकारियों ने अचानक ऑनलाइन ऋण देने के लिए नए नियमों की शुरुआत की, जिसने सीधे Ant के सफल ऋण और क्रेडिट बिजनेस को प्रभावित किया। नए नियमों ने ही IPO के लिए Ant Group को अयोग्य ठहराया, और शंघाई ने 3 नवंबर को इस कंपनी की लिस्टिंग को निलंबित कर दिया। हालांकि जब भी कोई चीनी उद्योगपति जिनपिंग के खिलाफ बोलता है, तो जिनपिंग उसे गायब करा देते हैं और यही जैक मा के साथ भी हुआ।
जैक मा तो एक बहाना थे, उसके उदाहरण से शी जिनपिंग ने चीनी बाजार के निजी क्षेत्र पर भी अपना नियंत्रण करने के लिए नए-नए नियमों को लागू कर रहे हैं। चीन जल्द ही फिनटेक कंपनियों पर ज़रूरत से ज़्यादा बैंकों के साथ साझेदारी करने पर पाबंदी लगा सकता है। ऐसा इसलिए ताकि चीनी कंपनियों को बैंकों से ज़्यादा कर्ज़ ना मिल पाये और वे अलीबाबा जितनी बड़ी ना हो सकें, अगर होगी तो उसके साथ भी वही होगा जो अभी अलीबाबा के साथ हो रहा है। चीनी सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी कंपनी को मार्केट पर ज़रूरत से ज़्यादा हावी नहीं होने देना चाहती। Nikkei की एक रिपोर्ट के मुताबिक 11 दिसंबर में जिनपिंग ने अपने करीबी अधिकारियों के साथ बैठक कर इस बात पर ज़ोर दिया कि उन्हें अपने देश में “राष्ट्रीय सुरक्षा” और “राजनीतिक स्थिरता” बनाए रखने के लिए कई कठोर कदम उठाने होंगे। इसके साथ ही जिनपिंग ने कहा कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि चीन में कोई भी व्यक्ति अपनी पूंजी को बेतहाशा बढ़ाता ना चला जाये।
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