अभी जिस कोरोना ने पूरी दुनिया मेें आफत मचा रखी है। अगर यह सिलसिला यूं ही जारी रहा तो फिर भविष्य में यह भी सामान्य-सी सर्दी , जुकाम व खांसी जैसी बीमारी का रूप धारण कर लेगी, जिसके बाद हमेें भयावह नतीजे देखने को नहीं मिलेंगे। वैज्ञानिकों ने इस बात के संकेत अपनी साइंस पत्रिका में दिए हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यदि आज की तारीख में बच्चे महज 3 से 5 वर्ष के मध्य कोरोना से संक्रमित हो जाते हैं तो निकट भविष्य में उनके अंदर इस वायरस से लड़ने की क्षमता विकसित हो जाएगी और वे इसका मुकाबला कर पाएंगे, लेकिन हालिया हकीकत तो यह है कि इस वायरस ने पूरी दुनिया में हहाकार मचा कर रख दिया है। फिलहाल अभी राहतभरी खबर यह भी है कि जहां एक तरफ कोरोना के मामले कम आ रहे हैं, तो वहीं इसे मात देने के लिए इसकी वैक्सीन भी तैयार हो चुकी है।
साइंस पत्रिका में लंबे समय बाद हुए शोध के बाद प्रकाशित हुए लेख में कहा गया है कि आज की तिथि में बच्चे बेहद अल्प आयु में इस वायरस से संक्रमित होंगे तो निकट भविष्य में इनके अंदर गंभीर बीमारियों से लड़ने की प्रतिरक्षा तंत्र दृढ होगी जिसका नतीजा यह होगा कि यह वायरस भी अन्य सामान्य वायरस जैसा हो जाएग। फिर, यह अब की तरह आफत मचाने में नकाम रहेगी। अध्ययन की लेखिका एवं अमेरिका की इमोरी यूनिवर्सिटी की जेनी लाविने ने कहा कि बचपन में संक्रमित हुए बच्चों में आगे चलकर प्रतिऱक्षा तत्र मजबूत हो जाएगा। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि निकट भविष्य में निश्चत तौर पर यह वायरस अपना स्वरूप बदलेगा।
मगर.. हालिया हकीकत तो यह है कि यह वायरस लगातार अपने कहर का दायरा बढ़ाते जा रहा है , लेकिन अब आगे चलकर क्या रूख दिखाती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। गौरतलब है कि गत मार्च माह से शुरू हुई कोरोना की दहशत अभी भी जारी है।
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