कौन है बलूच और सिंधि? क्यों पाकिस्तान की सरकार और शी जिनपिंग को लगता है इनसे डर?


पाकिस्तान में सरकार से बलूचिस्तान की आजादी की लड़ाई लड़ रहे आंदोलनकारी अब पाकिस्तान के विदेशी रिश्तों पर भी असर डालने लगे हैं क्योंकि इससे चाइना पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट के अंतर्गत आने वाले ग्वादर पोर्ट में बेस बनाने का काम भी प्रभावित हुआ है। इसी के चलते ग्वादर पोर्ट में होने वाले सुरक्षा इंतजामों को भी रोक दिया गया है क्योंकि वहां के स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे थे।

बलूचियों और सिंधियों की आक्रामकता के कारण ही पाकिस्तान सरकार को झुकना पड़ा है जिससे चीन के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट को भी बड़ा झटका लगा है।

पाकिस्तानी मीडिया ने हाल ही में यह खबर दी थी कि पाकिस्तान की सरकार बलूचिस्तान के इलाके में बने ग्वादर पोर्ट के एक बड़े हिस्से को सुरक्षा इंतजामों के नाम पर फेंसिंग लगा कर बंद करने की तैयारी कर रही है। जिसमें 20 किलोमीटर से अधिक कंटेनर तार की आवश्यकता होगी, जिससे इस विदेशी निवेश वाले ग्वादर पोर्ट को शहर से बिल्कुल अलग करते हुए सील कर दिया जाएगा।

पाकिस्तान सरकार का ये फैसला पूर्णतः धूर्तता का पर्याय है क्योंकि इस क्षेत्र में उसका लगातार विरोध हो रहा है और यहां के लोग हिंसात्मक गतिविधियों में भी शामिल हैं।

पाकिस्तान के इस फैसले पर चीन खुश था। पोर्ट का संचालन करने वाली पाकिस्तान चाइना ओवरसीज पोर्ट होल्डिंग कंपनी के मुख्य कार्यकारी झांग बाओजोंग ने बताया कि अतिरिक्त सुरक्षा की बातों को पाकिस्तानी सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया है।

पर अब बलूचिस्तान के गृह मंत्री ज़ियाउल्लाह लैंगोव ने बताया कि सुरक्षा के काम को स्थानीय लोगों के विरोध के कारण रोक दिया गया है। उन्होंने कहा, “ग्वादर पोर्ट के बारे में निर्णय लेने के मसले में स्थानीय लोगों को दूर नहीं रखा जाएगा और स्थानीय लोगों को इस मुद्दे पर विश्वास में लेने के बाद ही फेंसिंग लगाने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।”

ये फैसला साफ करता है कि पाकिस्तान सरकार स्थानीय लोगों के विरोध के कारण झुक गई है और यहां अतिरिक्त सुरक्षा इंतजामों का काम उसने इसी कारण से रोक भी दिया है। बलूचिस्तान और सिंध के लोग लगातार पाकिस्तान सरकार का उसकी अराजकता को लेकर विरोध करते रहे हैं। इसके बावजूद जब कोई असर नहीं होता नहीं दिखा तो इन लोगों ने हिंसात्मक कार्यवाइयां भी शुरू कर दी है।

पाकिस्तानी पुलिस से लेकर सेना के बेहूदा रवैया के खिलाफ अब ये लोग भी हथियार उठा चुके हैं।
हाल ही में इस इलाके में 7 पाकिस्तानी सैनिकों को बलोच के अज्ञात लोगों ने मार गिराया था। चीन का आर्थिक प्रोजेक्ट होने के कारण ये लोग चीन के लोगों को भी अपना शिकार बना रहें हैं। 2019 में इन लोगों ने उस फाइव स्टार होटल को निशाना बनाया था जहां चीनी कंपनी के लोग ठहरे हुए थे। इसके अलावा पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज से लेकर वहां होने वाले कई छोटे बड़े हमलों में इन्हीं गुटों की भूमिका थी।

ऐसे में पाकिस्तान द्वारा ग्वादर पोर्ट पर स्थानीय लोगों के विरोध के कारण अतिरिक्त सुरक्षा का प्लान रद्द करना चीन के लिए भी झटका है, क्योंकि ग्वादर पोर्ट सीपैक के लिए महत्वपूर्ण है। ये रेलवे, सड़क और पाइपलाइन की परियोजनाओं को चीन के पश्चिमी क्षेत्र शिनझियांग से जोड़ता है। इसलिए यदि इसी तरह बलूचिस्तान के स्थानीय लोग यहां विरोध की आग भड़काते रहेंगे तो चीन के आर्थिक सपने यूं ही धराशाई होते जाएंगे।

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