नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती को भारत रत्न देने की मांग केंद्र सरकार से उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर की है। पूर्व सीएम ने इस मांग के पीछे महिला सशक्तिकरण का हवाला दिया, लेकिन बसपा रावत की मांग पर भड़क गई है। पार्टी का कहना है कि ये रणनीति जनता को बेवकूफ बनाने की है। हरीश रावत का कहना है कि, महिला सशक्तिकरण में मायावती और सोनिया गांधी ने बड़ा योगदान दिया है। दोनों ही देश के बड़े नेता हैं। सोनिया की राजनीति से एक बार कोई असहमत हो सकता है लेकिन उन्होंने जो महिला सशक्तिकरण के लिए काम किया है। उसे कोई नकार नहीं सकता है। उन्हें आज नारीवाद की मूर्ति के रूप में देखा जाता है।
हरीश रावत इस वक़्त कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब प्रभारी भी हैं। उनका कहना है कि बसपा अध्यक्षा मायावती ने दबे और पिछड़े वर्ग के लिए आवाज उठाई है। इसके अतिरिक्त उन्होंने लोगों में विश्वास की एक भावना जगाई है। रावत ने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा कि, दोनों ही महिलाओं को भारत रत्न देकर उनका सम्मान करना चाहिए। रावत कांग्रेस अध्यक्षा के लिए भारत रत्न मांगते तो उतने तक सब ठीक था लेकिन बसपा अध्यक्षा के लिए भारत रत्न मांगते हुए मामले पर राजनीति शुरू हो गई है।
बसपा नेता का कहना है कि, कांग्रेस नेता की मांग जनता को बेवकूफ बनाने की एक रणनीति से अधिक और कुछ भी नहीं है। कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि, दलित आईकन बाबासाहब आंबेडकर कांग्रेस सरकार उच्च सम्मान देने में असफल रही थी। बसपा नेता ने कहा कि, यही सम्मान है काशीराम जी के लिए जब मांग रहे थे तब सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने इस पर ध्यान नहीं दिया। अब जब वो सत्ता में है नहीं तो ऐसी मांगे उठा रही है।
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