जब मति भ्रष्ट हो जाए तो इंसान कुछ भी बोल सकता है। कुछ ऐसी ही मति कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर की भ्रष्ट हुई है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का कोरोनावायरस के कारण भारतीय गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होना रद्द क्या हुआ शशि थरूर ये कहने पर उतर आए कि गणतंत्र दिवस समारोह ही रद्द कर दिया जाना चाहिए।
ये बेहद ही आश्चर्यजनक बात है कि ब्रिटिश शासित भारत के मुद्दे पर ब्रिटेन जाकर उसकी आलोचना करने वाला एक व्यक्ति अब मोदी शासन में इस हद्द तक नीचे गिर गया है कि वो ब्रिटिश शासन से आज़ाद के प्रतीक और लोकतंत्र गठन के पर्व गणतंत्र दिवस कार्यक्रम को ही रद्द करने की बात कर रहा है। ये दर्शाता है कि शशि थरूर जैसे व्यक्ति खुद ही एक अदृश्य तानाशाही वाली ब्रिटिश सोच अपना चुके हैं।
कांग्रेस पार्टी में शशि थरूर जैसे कुछ ही नेता हैं जो जनता के बीच प्रासंगिक हैं लेकिन वो लोग खुद ही बेहूदा बयान देकर पार्टी की फजीहत कर देते हैं। देश के लोकतंत्र के जश्न यानी गणतंत्र दिवस समारोह को लेकर शशि थरूर ने एक बेहूदा से ट्वीट में कहा, “जब ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन का इस महीने का भारत दौरा कोरोना लहर की वजह से रद्द हो गया है और इस बार गणतंत्र दिवस पर कोई चीफ गेस्ट नहीं रहने वाला है। तो क्यों न एक कदम आगे बढ़कर इस पूरे कार्यक्रम को ही रद्द कर दिया जाए।”
दरअसल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को भारतीय गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था लेकिन कोरोनावायरस के कारण उनका दौरा रद्द हुआ। जिसके चलते उन्होंने अफसोस भी जताया है, लेकिन कांग्रेस नेताओं को तो नौटंकी करनी ही है न… तो शशि थरूर ने शुरू कर दी, और पार्टी की फजीहत करवा दी।
एक ऐसा वक्त था जब थरूर ब्रिटेन जाकर भारत में ब्रिटिश राज की आलोचना करते थे और वहां की सरकारों को अपने तथ्यों से शर्मसार कर देते थे, लेकिन अब समय बदल चुका है, और राजनीतिक दुकान भी चलानी है। इसलिए मोदी विरोध की नीति के चलते ही अब शशि थरूर खुद ही ब्रिटिश तानाशाह जैसे की तरह बात कर रहे हैं जो कि आश्चर्यचकित करने वाला है। इसीलिए उनके बयान के लिए उनकी और कांग्रेस पार्टी की कड़ी आलोचना हो रही है।
शशि थरूर द्वारा फैलाया गया रायता हाथ से निकलता देख कांग्रेस ने उनके बयान से ही किनारा कर लिया है, और पार्टी की तरफ से आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि लोकतंत्र का जश्न धूमधाम से मनाना चाहिए। ये एक और आश्चर्यजनक बात है कि जब उनके सर्वोच्च नेता राहुल गांधी भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में देश में लोकतंत्र न होने की बात करते हैं तो पार्टी किस लोकतंत्र का जश्न मनाने की बात कर रही है। साफ है कि कांग्रेस और उसके नेता अपने ही बनाए जाल में आए दिन फंस जाते हैं और देश में अराजकता का माहौल खुद पैदा करके लोकतंत्र की दुहाई देने लगते हैं।
इससे इतर शशि थरूर जैसे नेता लोकतंत्र से इतर अपने बयानों में आए दिन लोकतंत्र की आड़ में एक अदृश्य तानाशाही शासन की बात करते रहते हैं। गणतंत्र दिवस समारोह को रद्द करने का उनका बयान इसका ही एक पर्याय है।
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