केंद्र सरकार की फ्री कोरोना वैक्सीन का श्रेय भी, अब ममता बनर्जी को चाहिए!


देश में कोरोना वायरस के दो टीके बन चुके हैं। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा ऐलान किया जा चुका है कि 16 फरवरी से देश में टीकाकरण का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हो जाएगा। केंद्र द्वारा साफ कहा गया है कि सभी को कोरोनावायरस का टीका मुफ्त लगाया जाएगा। इसके बावजूद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपना अलग ही सियासी दांव चल रही हैं।

उनका कहना है कि बंगाल में मुफ्त टीकाकरण होगा। अब दीदी को कौन बताए कि जब पूरे देश में मुफ्त टीकाकरण केंद्र सरकार ही कर रही है तो ज़ाहिर है कि बंगाल में भी ये मुफ्त ही होगा, लेकिन मुफ्त टीकाकरण का श्रेय लेने की आड़ में दीदी तत्वहीन बात कर रही हैं, जो कोई नई बात नहीं है।

विधानसभा चुनाव को लेकर ममता बनर्जी अब बेतुकी बातें करने से भी पीछे नहीं हट रहीं हैं क्योंकि वोटों की राजनीति में वो खुद को पीछे नहीं रखना चाहती हैं। ममता बनर्जी ने कहा, “राज्य सरकार राज्य के सभी जरूरतमंद लोगों को कोरोना का वैक्सीन फ्री लगवाएगी। राज्य सरकार इसके लिए व्यवस्था कर रही है।” उन्होंने कहा, “कोविड-19 योद्धाओं जिनमें पुलिस, होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक, सुधार गृह और आपदा प्रबंधन कर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर टीका दिया जाएगा।”

ममता दीदी के बयान से इतर केंद्र की मोदी सरकार  ने  2 जनवरी को ही मुफ्त कोरोनावायरस का टीका लगाने की बात कही थी। इस संबंध में केन्द्र स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा था, “COVID-19 वैक्सीनेशन के पहले चरण में देशभर के जरूरतमंद लोगों को मुफ्त वैक्सीन दी जाएगी, जिनमें एक करोड़ हेल्थकेयर और दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल है।”

साफ है कि केंद्र की तरफ से ही सभी को मुफ्त वैक्सीन दी जाएगी, तो ममता दीदी ये फ्री की नौटंकी क्यों कर रही हैं? जाहिर है कि उनका मक़सद विधानसभा चुनाव से पहले वैक्सीन के मुद्दे पर राजनीतिक लाभ लेने का है।

इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी ने ममता पर वैक्सीन की राजनीति करने का आरोप लगाया है। भाजपा के आईटी सेल के राष्ट्रीय प्रमु अध्यक्ष अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा, “ममता बनर्जी ने अपने पत्र में पहले कोरोना योद्धाओं को और दूसरे चरण में बंगाल के सभी लोगों को मुफ्त में कोविड-19 वैक्सीन देने की घोषणा की हैं, जबकि सच्चाई यह है कि मुफ्त में कोविड-19 वैक्सीन केन्द्र सरकार देगी। तृणमूल कार्यकर्ता पोस्टर लगा कर इसका प्रचार कर रहे हैं, जिसमें लिखा कि राज्य के लोगों को मुफ्त में टीका देने की दीदी व्यवस्था कर रही हैं।”

ये कोई पहली बार नहीं जब ममता दीदी इस तरह श्रेय लेने के लिए राजनीतिक स्थितियां पैदा कर रही हैं। उन्होंने कुछ इसी तरह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को दिए जाने वाले पैसे को लेकर कहा था कि राज्य सरकार के फंड में पैसे दिए जाए तो राज्य सरकार खुद पैसे बांटेगी, जो संभव नहीं हो सका था और बंगाल के किसान को वो लाभ नहीं मिल सका जो देश के अन्य किसानों को मिल रहा है।

ममता दीदी हर मुद्दे पर राजनीतिक श्रेय चाहती हैं। इसलिए अब चुनाव आए तो श्रेय लेने के लिए दीदी पीएम किसान सम्मान निधि योजना लागू करने की बात कर रही है जिससे जनता के बीच खुद को मसीहा बनाया जा सके। ठीक उसी तरह दीदी राज्य में मुफ्त कोरोनावायरस की वैक्सीन का मुद्दा लेकर आईं हैं। दीदी के पास अपने पांच साल के कार्यकाल में बताने को कुछ भी नहीं है, इसीलिए वो अब वैक्सीन जैसे मुद्दों पर ही राजनीति करके अपनी सत्ता हासिल करना चाहतीं हैं, लेकिन आज सूचना के दौर में सभी को पता है कि मुफ्त वैक्सीन राज्य की नहीं बल्कि केंद्र सरकार दे रही है।

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