मंदिर टूटने को लेकर हुए आलोचनाओं के बाद जागी जगन सरकार, एक ही दिन में किये कई भूमिपूजन

 


आंध्र-प्रदेश में मंदिरों को तोड़े जाने की खबरें रोजाना ही सामने आ रहीं थीं, जिसके चलते राज्य की जगन मोहन रेड्डी सरकार की खूब आलोचना हो रही है। लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में अब जगन की नींद आलोचनाओं के बाद खुली है और अब वो डैमेज कंट्रोल के लिए मंदिरों के पुनर्निर्माण की कवायद में जुट गए है। इसीलिए अब उन्होंने खुद ही 9 मंदिरों के पुनर्निर्माण की आधारशिला रखी है। पिछले एक महीने में जिस तरह से राज्य में मंदिरों और मूर्तियों के खंडित होने की खबरें सामने आईं हैं, उससे पूरे देश में आक्रोश की स्थिति आई है। इसीलिए जगन को अब अपनी छवि का ख्याल आ गया है।

मंदिरों की राजनीति आंध्र प्रदेश में काफी वक्त से जारी थी, टीडीपी की सरकार के द्वारा भी लगातार मंदिर तोड़े जा रहे थे। सरकार बदलने के बाद आई जगन सरकार का हाल भी ऐसा ही था जिसके चलते उनकी आलोचना होती रही है। ऐसे में अब जगन सरकार ने टीडीपी के शासन के दौरान तोड़े गए नौ मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए 77 करोड़ रुपए खर्च करने की बात कही है। खास बात ये है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी विजयवाड़ा में पिछली तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) सरकार द्वारा ध्वस्त कराए गए नौ मंदिरों के पुनर्निर्माण कार्य के लिए भूमिपूजन में भी शामिल हुए हैं।

जगन द्वारा पुनर्निर्माण के मंदिरों में सभी विजयवाड़ा के ही हैं जिनमें राहु-केतु मंदिर, दुर्गा मंदिर जाने वाले मार्ग पर स्थित श्री अंजनीस्‍वामी मंदिर, श्री सीताम्मा वारी पडालु मंदिर, दक्षिणामुखा अंजनीस्वामी मंदिर और सनीस्वरा स्वामी मंदिर शामिल हैं। इनके अलावा श्री दसानजनेय स्वामी वारी मंदिर, बोधु बोम्मा, श्री वीरा बाबू स्वामी मंदिर (पुलिस कंट्रोल रूम के पास) और गोशाला कृष्ण मंदिर भी शामिल हैं। खास बात ये है कि कुछ ही दिनों पहले विजयनगरम में भगवन श्रीराम की करीब 400 साल पुरानी प्रतिमा को किसी अज्ञात शख्स द्वारा तोड़आ गया था, जिसके बाद एक साधु के आंसुओं की तस्वीर ने पूरे देश को भावुक कर दिया था।

इस पूरे प्रकरण के बात पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी मौके पर पहुंचे थे और मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया था जबकि हकीकत ये है कि उनकी सरकार के दौरान भी अनेकों मंदिरों को तोड़ा गया था। जगन समझ गए थे कि जिस तरह मंदिरों के टूटने पर उनका विरोध हो रहा है। वो उन्हें बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि सोशल मीडिया में देश-विदेश से लोग जगन की आलोचना कर रहे थे।

ऐसे में जगन ने डैमेज कंट्रोल करने की स्थिति में राजनीतिक दांव भी चला है। चंद्रबाबू नायडू इन सभी मंदिरों के टूटने की राजनीति कर रहे थे। ऐसे में जगन ने उन मंदिरों के पुनर्निर्माण की आधारशिला रखी है जो चंद्रबाबू नायडू की सरकार के दौरान ही टूटे थे। जगन ये सब राजनीतिक खौफ के चलते कर रहे हैं, लेकिन अभी जगन के मन में ये डर कायम रहने की आवश्यकता है,जब तक कि सभी टूटे हुए मंदिरों की पुनः प्राण प्रतिष्ठा न हो जाए। वहीं जगन सरकार का ये डैमेज कंट्रोल श्रृद्धालुओं के लिए सकारात्मक है।

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