अपने इस फैसले से तो ट्रंप ने मचा दिया था ‘तहलका’, हुआ था भारी विरोध, लेकिन जानें कैसा रहेगा बाइडेन का रूख

 

आज पूरे विश्व की निगाहें अगर किसी पर टिकी है, तो वो हैं अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन। आज वे अपने पद की शपथ लेने जा रहे हैं। काफी लंबे समय की कश्मकश के बाद उन्हें यह मौका मिलने जा रहा है।  विदित हो कि बीते दिनों जब उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज की थी तो डोनाल्ड ट्रंप इसे मानने को कतई तैयार नहीं थे। उन्हें यह बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था कि अब वे अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं रहे बल्कि जो बाइेडन अब उनकी जगह लेने जा रहे हैं।  ट्रंप अपनी हार को स्वीकार करने को कतई राजी नहीं  थे। पहले तो उन्होंने चुनाव में हुए धांधली का हलावा देकर अपने पद को महफूज रखने की कोशिश, लेकिन जब उनका यह दांव नहीं चला तो उनके समर्थकों ने अमेरिकी संसद पर हमला करके उस समय जम्हूरियत का मखौला उड़ाया जब सीनेट के अंतर जो बाइडेन के जीत पर आधिकारिक मुहर लग रही थी। खैर, भले ही अमेरिका के दोनों सियासी सूरमाओं के बीच लंबी कश्मकश चली हो, मगर अंत में ट्रंप को अपनी हार स्वीकारनी ही पड़ी। 

मगर, अब जब जो बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे हैं, तो पूरे विश्व की निगाड़े उन पर टिकना स्वभाविक है। साथ ही उन मसलों पर भी नजरें टिकी हुई है, जो हमेशा से अमेरिका की सियासी गलियारों में चर्चा का विषय रही है। लोगों के बीच चर्चाओं के बाजार इस बात को लेकर गरमा चुका है कि आखिर जो बाइडेन का इन मसलोंं को लेकर क्या रूख रहता है। क्या वे पूर्व में ट्रंप द्वारा लिए गए फैसले से इत्तेफाक रखते हैं या फिर उसे पल़टने का फैसला करते हैं। यह तोे फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इससे पहले नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइेडन के उप सचिव ने इस्राएल की राजधानी  यरूशलेम के मसले पर राष्ट्रपति के रूख पर कहा कि  इस्राएल की राजधानी यरुशलेम यथावत बनी रहेगी। इस पर जो बाइेडन का रूख नहीं बदला है। इससे एक बात तो साफ है कि पूर्व में लिए गए इस फैसले को बदलना बाइडेन ने मुनासिब न समझा, लेकिन इस बीच अब फलिस्तिनियों के लिए जो बाइडेन क्या रास्ता निकालते हैं। यह देखने वाली बात होगी।

गौरतलब है कि यरुशलेम को लेकर विश्व बिरादरी में शुरू से ही विवादों का बाजार गरमाया रहा है। जहां एक तरफ इस्राएल इसे अपनी राजधानी बताते है तो वहीं फलीस्तिनी इसे इस्राएल की नहीं बल्कि अपनी ऐतिहासिक राजधानी बताते हैं, जिसे लेकर दोनों देशों के बीच काफी  अर्सों से विवाद चला आ रहा है, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह विगत वर्ष खुलेआम यरूशलेम को आधिकारिक रूप से इस्राएल की राजधानी के रूप में घोषित कर दिया था। जिसके चलते विश्व बिरादरी का एक तबका ट्रंप के खिलाफ उठ खड़ा हुआ था। लेकिन अब जब अमेरिका में सत्ता का परिवर्तन का हो चुका है तो जो बाइडेन ने भी अपने रूख को स्पष्ट करते हुए ट्रंप के फैसलों पर मुहर लगा दी है। 

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