नई दिल्ली। राजस्थान में बीजेपी में चल रही खींचतान और गुटबाजी अब सामने आ रही है। राज्य की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को केंद्र द्वारा दरकिनार करने पर उनके समर्थक नाराज हो गए हैं। इसके बाद अब उन्होंने राज्य में पार्टी के अलग अपना राजनीतिक मंच बना लिया है। इसका नाम वसुंधरा राजे समर्थक राजस्थान मंच रखा गया है। राज्य के हर जिले में वसुंधरा समर्थकों ने अपना जिला अध्यक्ष बनाना शुरू कर दिया है। वहीं युवा और महिला संगठन भी तैयार किये जा रहे हैं। बीजेपी के साथ ऐसा पहली बार हो रहा है कि, पार्टी से अलग होने के बाद किसी नेता के समर्थन में अलग संगठन ही तैयार किए जा रहे हैं।
वसुंधरा समर्थक मंच के प्रदेश अध्यक्ष विजय भारद्वाज का कहना है कि, वसुंधरा राजे सिंधिया के कारण ही मैं वर्ष 2003 में जनता दल छोड़कर बीजेपी में आया था। तब से अब तक बीजेपी राज्य कार्यकारिणी का मेंबर रहा हूं। पार्टी का आमंत्रित कार्यकारिणी का सदस्य और विधि प्रकोष्ठ का अध्यक्ष भी रहा हूं, लेकिन अब हम लोग वसुंधरा राजे को और मजबूत करना चाह रहे हैं।
पिछले दिनों राज्य में कांग्रेस सरकार में काफी उथल पुथल थी। लग रहा था कि, सरकार गिर जाएगी और बीजेपी सत्ता में आ जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कहा जाता है कि, पार्टी वसुंधरा को राज्य की कमान सौपने के मूड में नहीं थी, यही वजह रही कि, उस दौरान कांग्रेस की सरकार नहीं गिरी। ये माना जाता है कि, कांग्रेस की सरकार बचाने में वसुंधरा का बड़ा योगदान रहा है।
पिछले दिनों बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से राजस्थान के बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मुलाकात की है। इसके बाद ही प्रदेश कार्यकारिणी और जिला कार्यकारिणी सूची सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। इस पर सतीश पूनिया का कहना है कि, इस बारे में सभी पार्टी नेताओं को जानकारी है। वहीं जो इन संगठनों में काम कर रहे हैं, वो बीजेपी में सक्रिय सदस्य नहीं हैं।
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