प्रणब मुखर्जी की किताब में खुलासा, नेहरू की इस गलती की वजह से भारत का हिस्सा नहीं बन पाया था नेपाल


नई दिल्ली।
 देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को लेकर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बड़ा खुलासा करते हुए बड़ा दावा किया है कि, नेपाल ने भारत में विलय के लिए प्रस्ताव दिया था लेकिन उसे पंडित नेहरू खारिज कर दिया था। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने की ऑटोबायोग्राफी ‘द प्रेसिडेंशियल ईयर्स’ में इस बात का दावा किया गया है कि, भारत में विलय करने के राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह ने प्रस्ताव दिया था लेकिन पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया था। वहीं उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया है कि, नेहरू की जगह इंदिरा गांधी पीएम होती तो वो ऐसा नहीं करती।

किताब के चैप्टर 11 ‘माई प्राइम मिनिस्टर्स, डिफरेंट स्टाइल्स, डिफरेंट टेम्परमेंट्स टाइटल के तहत पूर्व राष्ट्रपति ने लिखा है कि, पंडित नेहरू को राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह ने प्रस्ताव दिया था कि भारत में नेपाल का विलय कर लिया जाये और उसे एक राज्य का दर्जा दे दिया जाए। लेकिन उस वक़्त के पीएम ने इस नेपाल के इस प्रस्ताव को ठुकरा कर दिया था। वहीं उन्होंने लिखा है कि अगर इंदिरा गांधी पीएम होती तो वो इस मौके को जाने न देतीं, उन्होंने सिक्किम के साथ भी ठीक ऐसा किया था। प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब में पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि नेहरू से शास्त्री काफी अलग थे।

एक पार्टी के होने के बाद भी विदेश नीति, सुरक्षा और आंतरिक प्रशासन जैसे मुद्दों पर प्रधानमंत्रियों की धारणाएं भिन्न-भिन्न हो सकती है। गौरतलब है कि, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की किताब मंगलवार को बाजार में आई है और इसके आते ही दिवंगत नेता के बच्चों में मतभेद भी सामने आने लगे हैं। प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी चाहते हैं कि, किताब का प्रकाशन जाए जबकि प्रणब मुखर्जी कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि उनके पिता किताब को अप्रूव कर चुके थे।

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