चाणक्य के अनुसार इन कामों को करने से घर में होगी लक्ष्मी की वर्षा


चाणक्य(Chanakya) चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे. उनको कौटिल्य(Kautilya) के नाम से भी जाना जाता है. वे तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य भी थे. चाणक्य को बहुत ज्ञान था. इसके साथ साथ चाणक्य को राजनीति शास्त्र, कूटनीति शास्त्र के साथ अर्थशास्त्र की भी बहुत अधिक जानकारी थी.चाणक्य ने शुरु से धन को महत्व दिया है. उनके अनुसार जिस व्यक्ति के पास धन है, वो दुनिया का सबसे सुखी व्यक्ति होता है और उस व्यक्ति को किसी प्रकार का तनाव, बीमारी नहीं होती है.चाणक्य ने धन को सुख का सबसे बड़ा कारक माना है.चाणक्य का मानना था कि धन से आपके जीवन की लगभग 70 प्रतिशत समस्याएं स्वत: ही समाप्त हो जाती है. यह अलग बात है कि आप धन के बल पर समस्याएं खड़ी करने में लग जाएं. हर इंसान अपने जीवन में सफलता पाने के लिए धन की ओर आकर्षित जरूर होता है. इतना ही नहीं धन प्राप्ति के लिए इंसान किसी भी तरह का खतरा उठाने के लिए राजी रहता है. चाणक्य ने बताया था कि धन की प्राप्ति परिश्रम से होती है. इसके साथ ही कुछ और बातें है जिनका ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है. यदि आप इन बातों को ध्यान में रखते हैं तो लक्ष्मी जी का आर्शीवाद हमेशा बना रहेगा.

आलसमुक्त जीवन है धन का सार

चाणक्य के अनुसार जिस व्यक्ति ने अपने कामों को भविष्य के लिए टाल दिया तो वह अपने जीवन में सफलता नहीं पा सकता है. ऐसे आलसी लोग सदैव धन के लिए रोते ही दिखाई देंगे. इसलिए अगर आपकों अपने जीवन में लक्ष्मी जी की कृपा चाहिए तो आपको अपने रोजमर्रा की दिनचर्या से आलस्य की छुट्टी करनी पड़ेगी.

हानि पहुचाने के लिए धन के प्रयोग को करे ना

चाणक्य के अनुसार धन का प्रयोग हमेशा अपना और दूसरो का भला करने के लिए ही करना चाहिए. ऐसा भी ना हो कि अपने भले के लिए आप किसी दूसरे को हानि पहुंचाने का सोचे. ऐसा करने से आप से लक्ष्मी जी नाराज होती हैं और साथ छोड़ देती हैं.

क्रोध से रहे दूर

चाणक्य ने क्रोध को व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन बताया है.उनके अनुसार क्रोध से सबको दूर रहना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि इंसान की गुस्से और क्रोध में सोचने समझने की क्षमता नष्ट हो जाती है और वो कुछ ऐसा कर जाते है, जिससे उल्टा आपकों ही हानि पहुंचती है. क्रोध करने वाले मनुष्य को लक्ष्मी जी पसंद नहीं करती हैं.

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