“पाकिस्तान का प्लेन जब्त करो”, मलेशिया ने पाक के साथ अपने इस्लामिक गठबंधन को रद्दी में फेंक दिया है

 


साल बदला पर पाकिस्तान की किस्मत नहीं बदल सकी। पहले भी पाकिस्तान बेइज्जती का बादशाह था अब भी बना हुआ है। अब मलेशियाई अधिकारियों ने शुक्रवार को कुआलालंपुर हवाई अड्डे पर पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) के विमान बोइंग -777 को जब्त कर लिया, वह भी कर्ज न चुकाने के लिए।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, PIA विमान को विमान के लीज़ का बकाया भुगतान न करने पर एक स्थानीय मलेशियाई अदालत के आदेश के बाद जब्त कर लिया गया था। यानि पाकिस्तान जिसे दोस्त मानता था और इस्लामिक विश्व में उसके साथ मिल कर सपने संजोता था, उसी दोस्त ने पाकिस्तान की बेइज्जती करते हुए अंतराष्ट्रीय स्तर पर उसे छीछालेदर कर दिया।

दरअसल पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) ने 2015 में एक वियतनामी कंपनी से बोइंग -777 सहित दो विमान किराए पर लिए थे। हालांकि, वे वियतनामी कंपनी को बकाया भुगतान करने में विफल रहे थे। अपने विमान की जब्ती के बाद, PIA ने ट्विटर पर लिखा कि, “मलेशिया में एक स्थानीय अदालत द्वारा PIA विमान को जब्त कर लिया गया है, जो कि पीआईए और यूके कोर्ट में तीसरी पार्टी के बीच लंबित कानूनी विवाद को लेकर किया गया एकतरफा फैसला है।

मलेशिया ने पाकिस्तान की किस कदर बेइज्जती की इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि मलेशिया ने प्लेन को जब्त करने से पहले सारे यात्रियों को विमान से बाहर निकाल दिया। इन विमानों को विभिन्‍न कंपनियों से समय-समय पर ड्राई लीज पर लिया गया है। यह विमान कराची से मलेशिया पहुंचा था। खबर के मुताबिक विमान का 18 सदस्यीय स्टाफ भी जब्ती के कारण कुआलालंपुर में फंसा हुआ है, और अब प्रोटोकॉल के अनुसार 14 दिनों के लिए सभी को क्वारंटीन किया जाएगा।

PIA ने अपने आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट में कहा कि सभी यात्रियों की देखरेख की जा रही है और उनकी यात्रा के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा जाएगी। एयरलाइंस ने ट्वीट में कहा, ये पूरी तरह से अस्वीकार्य स्थिति हैं और पीआईए ने पाकिस्तान की सरकार से कूटनीतिक चैनलों के जरिए इस मुद्दे को उठाने की मांग की है।

बता दें कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस 4 अरब डॉलर से ज्यादा के घाटे में चल रही है। कोरोना महामारी की वजह से उड़ान पर पाबंदी लगने के बाद से ही एयरलाइंस की मुश्किलें बढ़ गई थीं। यही नहीं पाकिस्तानी पायलटों के फर्जी तरीके से लाइसेन्स हासिल करने की खबर सामने आने के बाद कई EU साथी कई देशों ने पाकिस्तान के पायलटों पर बैन लगा दिया था। हालांकि पाकिस्तान को मलेशिया से इस तरह की उम्मीद नहीं होगी।

जिसके साथ मिल कर और तुर्की के सहयोग से, पाकिस्तान इस्लामिक त्रिभुज बनाना चाहता था, उसे मलेशिया ने एक ही झटके में समाप्त कर दिया है। बता दें कि ये ही तीन देश थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दिया था और एक साथ इस्लामिक विश्व को मजबूत करने के लिए साथ आने का निर्णय लिया था।

यही नहीं पाकिस्तान, तुर्की और मलेशिया मिलकर अंग्रेजी भाषा में इस्लामिक टीवी चैनल लांच करने वाले थे। यह चैनल इस्लाम धर्म के बारे में फैली गलतफहमियों को दूर करने और मुस्लिमों की आवाज बनने का काम करता। यानि स्पष्ट था तुर्की और पाकिस्तान मलेशिया को लेकर एक अलग इस्लामिक ब्लॉक बनाना चाहते थे।

हालांकि मलेशिया में महतीर मोहम्मद की सरकार गिरने के बाद उसके भारत के प्रति रुख में बदलाव देखने को मिला है। अब पाकिस्तान के खिलाफ इस कदम से तो यह भी स्पष्ट हो गया है कि वह पाकिस्तान और तुर्की के एक अलग इस्लामिक ब्लॉक बनाने के सपनों को पूरा नहीं होने देगा।

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