प्रयागराज। बेदाग और इमानदार जनप्रतिनिधि की बात हर कोई करता है, लेकिन जब बात ऐसे लोगों की चुनने की आती है तो लोग अपना निजी नफा-नुकसान देखकर वोटिंग करते हैं। शायद यही वजह है कि राजनीति में आपराधिक प्रवृत्ति के छवि वालों का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसका दूसरा पहलू यह भी है कि अगर कोई आपराधिक प्रवृत्ति वाला अगर किसी मामले में फंसता है तो सत्ता में बैठे लोग उसकी मदद को आगे आ जाते हैं। ऐसा ही नजारा उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के मामले में दिख रहा है। मुख्तार अंसारी इन दिनों पंजाब की जेल में बंद है, जिसे पेश के लिए प्रयागराज एमपी एमएलए कोर्ट ने कई बार नोटिस जारी कर चुकी है। यूपी पुलिस पंजाब की रोपड़ जेल में बंद मुख्तार अंसारी को जब भी लेने जाती है, जेल प्रशासन कोई न कोई बहाना बनाकर अंसारी को यूपी पुलिस को सौंपने से मना कर दे रहा है।
वहीं प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को एक बार फिर से झटका देते हुए उसकी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुकदमे की सुनवाई किए जाने की अपील को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि स्पेशल कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई की सुविधा नहीं है। साथ ही कोर्ट ने अभियोजन से बाकी गवाहों के बयान को 3 फरवरी से दज्र कराने को कहा है।
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी पर वर्ष 2001 में जानलेवा हमले करने का आरोप है। इस मामले में बृजेश सिंह सहित अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने वर्ष 2013 में इसमें अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी थी। बता दें कि इसी मामले में मुख्तार अंसारी इस समय पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है। उसे वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले यूपी के बांदा जेल से पंजाब की रोपड़ जेल में शिफ्ट किया गया था। तब से मुख्तार लगातार सुरक्षा कारणों का हवाल देकर यूपी आने से बचता आ रहा है। लेकिन कोर्ट के सख्त रुख के चलते ऐसा लग रहा है कि अब उसे यूपी आना ही होगा।
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