15 साल की उम्र में जब बच्चे ये तक नहीं जानते कि उन्हें क्या करना है, उस उम्र में चीनू कला नाम की एक लड़की ने पारिवारिक तनाव के चलते घर छोड़ दिया । मुंबई की चीनू घर छोड़ते ही सड़क पर आ गई, ना रहने का ठिकाना और जेब में सिर्फ 300 रूपए । कुछ कपड़े और एक जोड़ी चप्पल में चीनू दर बदर भटकती रही । हिम्मत नहीं हारी तो एक ठिकाना मिला, रात रुकने के लिए एक गद्दे का किराया 20 रुपए में, जगह मिल गई ।
सेल्स गर्ल की मिली नौकरी
इसके बाद कुछ दिन तक नौकरी ढूढ़ी, फिर मिली सेल्स गर्ल की नौकरी । वह घर-घर जाकर चाकू के सेट जैसे सामान बेचने लगी । सेल्सगर्ल की इस नौकरी से वो हर दिन 20 से 60 रुपये तक कमा लेती थी । लेकिन ये काम आसान नहीं था, क्योंकि लोग उनके मुंह पर अपना दरवाजा बंद कर देते थे । लेकिन वो हारी नहीं । जल्दी ही उन्हें प्रमोशन मिल गया, 16 साल की उम्र में सुपरवाइजर बनकर तीन और लड़कियों को भी ट्रेनिंग देने लगीं ।
बिजनेस वुमेन बनने का था सपना
एक मैगजीन से बात करते हुए चीनू ने कहा कि उन्हें हमेशा से अपना बिजनेस चलाना था। कम शिक्षा होने के कारण उन्हें कोई बड़ा काम नहीं मिल सका । सेल्सगर्ल के बाद उन्होंने एक रेस्टोरेंट में बतौर वेट्रेस भी काम किया । साल 2004 में जिंदगी तब बदली जब उन्होंने अमित कला नाम के शख्स से शादी की । वो उनकी लाइफ का सबसे बड़ा सपोर्ट बने । शादी के बाद चीनू बेंगलुरु शिफ्ट हो गईं, दो साल बाद उन्होंने अपने दोस्तों के कहने पर Gladrags मिसेज इंडिया पेजेंट में हिस्सा लिया । हैरानी की बात ये कि कम शिक्षित होने के बाद भी वो आतमविश्वास से भरपूर थीं । इस पेजेंट में वह फाइनल प्रतिभागियों में से एक रहीं । इसके बाद अवसरों के दरवाजे जैसे खुलते चले गए ।
फैशन ज्वेलरी का बिजनेस शुरू किया
चीनू फैशन जगत में अब एक मॉडल बन चुकी थीं, यहीं उन्हें फैशन ज्वेलरी का एक्सपीरियंस हुआ । साल 2014 में उन्होंने अपनी सेंविंग्स से रुबंस कंपनी की शुरुआत की । ये एथनिक और वेस्टर्न ज्वेलरी की कंपनी है, जिसमें 229 रुपए से लेकर 10,000 रुपयों तक फैशन ज्वेलरी अवेलेबल हैं । बेंगलुरु से शुरू हुआ बिजनेस अब कोच्चि और हैदराबाद तक फैल चुका है । चीनू की कंपनी रूबंस का पिछले साल का रेवेन्यू कुल 7.5 करोड़ रुपये रहा । कभी घर – घर जाकर चाकू बेचने वालीं चीनू आज 25 लोगों को तनख्वाह दे रही हैं ।
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