ज्योतिषशास्त्र में शनिदेव (Shanidev) का विशेष महत्व होता है. सभी ग्रहों में शनि को कर्मफलदाता और न्याय का देवता माना गया है. जातकों की कुंडली में शनि की स्थिति और दृष्टि बहुत अधिक मायने रखती है और जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ होते हैं. उन्हें तमाम तरह की दिक्कतों और परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शनि एक ऐसे ग्रह हैं जो एक राशि में ढाई वर्ष तक भ्रमण करते हैं. वहीं जिन जातकों पर शनि शुभ भाव में होते हैं उनके ऊपर अगर साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होती है तो भी शनि शुभ फल प्रदान करते हैं.
जिस राशि में शनि विराजमान होते हैं उस राशि से दूसरी और द्वादश राशि पर शनि की साढ़ेसाती सवार रहती है. ऐसे में जानते हैं कि नए साल 2021 में किन राशियों पर साढ़ेसाती और ढैय्या रहेगी. इसके साथ ही जानेंगे शनिदोष से बचने के उपाय.
इन राशियों पर पूरे साल रहेगी साढ़ेसाती
साल 2021 में शनि का राशि परिवर्तन नहीं होगा. ऐसे में धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर पूरे वर्ष शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा.
किन राशियों पर होगा शनि की ढैय्या का प्रभाव
इस साल मिथुन और तुला राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या का प्रभाव रहेगा.
शनिदोष से बचने के उपाय
- शनिदोष से बचने के लिए हर शनिवार को उपवास रखें और शनि मंदिर जाकर शनिदेव को तेल चढ़ाएं.
- शनिवार की शाम को पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
- शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए नियमित रूप से हनुमानजी की पूजा और चालीसा का पाठ करें.
शनिदेव की पूजा विधि
- शनिदेव की पूजा करते समय इस बात का पूरा ध्यान रखें कि उनकी आंखों में नहीं देखना है. बल्कि ध्यान शनिदेव के चरणों पर देना है.
- शनिदेव की शिलारूप में पूजा करने से विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है और ऐसे ही मंदिर में पूजा करनी चाहिए जहां शनिदेव शिला के रूप में विराजमान होते हैं.
- अगर शमी और पीपड़ के वृक्ष की पूरी श्रद्धा के साथ आराधना की जाए तो शनिदेव जातकों के ऊपर से कष्ट को कम कर देते हैं,
- प्रत्येक शनिवार को तेल का दीपक जलाना चाहिए.
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