पाकिस्तान पर इस समय एक ही कहावत चरितार्थ होती है – चमड़ी जाए पर दमड़ी ना जाए। इन दिनों पाकिस्तान खुशी से फूले नहीं समा रहा है, जिसका प्रमुख कारण है यूरोपीय एनजीओ द्वारा प्रकाशित एक न्यूज रिपोर्ट, जहां भारतीय न्यूज एजेंसियों पर पाकिस्तान विरोधी एवं फेक न्यूज प्रकाशित करने का आरोप लगाया जा रहा है।
EU DisinfoLab नामक इस एनजीओ ने एक भ्रामक अभियान का पर्दाफाश करने का दावा किया है, जिसके जरिए यूरोपीय संघ और UN को बदनाम करने का काम किया जाता था। इस एनजीओ की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीवास्तव नामक ग्रुप ने UN के नाम पर कई अनसुने एनजीओ की रचना की, जो EU की नकल करते हुए भ्रामक खबरों को बढ़ावा देने लगे। ये भारी संख्या में दक्षिण एशिया में पढ़ा जाने लगा, और लोग इस खबर को हाथों हाथ लेने लगे।”
तो भला पाकिस्तान इससे इतना प्रसन्न क्यों है? इस रिपोर्ट में आगे बताया गया था कि श्रीवास्तव एनजीओ द्वारा चलाया जाने वाले ‘India Chronicles’ का प्रमुख लक्ष्य था पाकिस्तान को बदनाम करना और यूरोपीय संसद एवं यूएन मानवाधिकार परिषद के निर्णयों को प्रभावित करना। फिर क्या था, पाकिस्तान को मानो झूठ फैलाने के लिए पर्याप्त साधन मिल गया, और वह धड़ल्ले से भारत के विरुद्ध झूठी खबरें फैलाने में लग गया।
इसकी शुरुआत की पाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष आरिफ़ अलवी ने, जो कहते हैं, “नकली न्यूज की गैंग ने 2005 से ही भारत के समर्थन और पाकिस्तान के विरोध में देखिए कितनी खबरें छापी है। इसकी पोल खुलने के बाद भी ये 750 फेक मीडिया आउट्लेट्स् के जरिए फेक न्यूज फैला रहा है। भारत अब पाकिस्तान को नीचा दिखाने के लिए झूठी खबरों का सहारा ले रहा है” –
https://twitter.com/ArifAlvi/status/1336915858065649664?s=20
अब ऐसे में भला इमरान खान कैसे पीछे रहते? जनाब भी बहती गंगा में हाथ धोने के लिए सामने आए और ट्वीट किया, “पूरे क्षेत्र में हिंदुस्तान द्वारा अन्य लोकतंत्रों को खत्म करने की साजिश को लेके पाकिस्तान ने दुनिया का ध्यान खींचने का प्रयास किया है। इस बड़े एक्सपोज़ ने पाकिस्तान के अभियान की लाज रखी है” –
https://twitter.com/ImranKhanPTI/status/1337040808432840704?s=20
परंतु भारत भी इस भ्रामक अभियान को हल्के में नहीं ले रहा। सर्वप्रथम तो विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट की धज्जियां उड़ाते हुए पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है, “एक जिम्मेदार लोकतंत्र होने के नाते भारत भ्रामक अभियानों में विश्वास नहीं रखता। यदि आपको जानना है कि ये भ्रम कौन फैला रहा है, तो आप निस्संदेह हमारे पड़ोसी की ओर देख सकते हैं।”
सच कहें तो इस रिपोर्ट को दुनिया भर में पाकिस्तान के अलावा किसी ने भी इतनी तवज्जो नहीं दी है, EU की तो बात ही छोड़िए। पाकिस्तान चाहता था कि इस रिपोर्ट के जरिए दुनिया भर के देश भारत के विरुद्ध एक्शन ले, परंतु दुनिया के अधिकतम देश इस रिपोर्ट को कोई भाव नहीं दे रहे। दुनिया में कर्ज के लिए भीख मांग रहे पाकिस्तान को मानो एक भ्रामक रिपोर्ट में अपने लिए एक लाइफलाइन दिखाई दी, लेकिन जल्द ही वह भी एक फुस्स टायर समान निकला।
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