UP में पुलिसिया कार्रवाई से लव जिहादियों में खौफ, नए कानून के बाद गिरफ़्तारी हुई तेज


 उत्तर प्रदेश की पुलिस एक्टिव मोड में दिखाई दे रही है, और इसका कारण है राज्य सरकार द्वारा पारित नया लव जिहाद के खिलाफ कानून। एक समय जिस अपराध को अपराध के रूप में स्वीकार करने से भी मना कर दिया जाता था, आज उत्तर प्रदेश उस अपराध के खिलाफ कानून बना कर अपराधियों के ऊपर कार्रवाई भी कर रहा है।

दरअसल, बरेली पुलिस ने नए धर्म-परिवर्तन विरोधी कानून के तहत पहला मामला दर्ज करने के तीन दिन बाद पहली गिरफ्तारी की है। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार ‘जबरन’ धर्म परिवर्तन के खिलाफ अध्यादेश लाने के कुछ घंटों बाद ही ओवैश अहमद पर रविवार को मामला दर्ज किया गया था। अहमद पर धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 के तहत बरेली जिले के देवरनिया क्षेत्र में एक 20 वर्षीय विवाहित महिला को ‘अपहरण की धमकी’ और धर्म बदलने के लिए दबाव डालने को लेकर मामला दर्ज किया गया था। आरोपी की तलाश में पुलिस कई दिनों से जुटी थी। गिरफ़्तारी के बाद आरोपी ने कहा  कि ‘उसे डर था कि मुठभेड़ में उसे गोली मार दी जाएगी, इसलिए वह छुपा हुआ था।‘

अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) संसार सिंह ने कहा, ‘उसके मन में यह धारणा हो सकती है, लेकिन पुलिस का इरादा कभी भी ऐसा करने का नहीं था, क्योंकि वह हिस्ट्रीशीटर नहीं है।’ बुधवार को उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उसे 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की सरकार ने इस अपराध के बढ़ते मामले को देख कर इस कानून के लिए जल्द से जल्द अध्यादेश लाई थी, जिसका परिणाम मिलना शुरू हो चुका है। अब अपराधी न सिर्फ भाग रहे हैं बल्कि कोने में जा कर छिप रहे हैं। योगी सरकार के आने के बाद यूपी पुलिस का अपराधियों के खिलाफ रिकॉर्ड को देखते हुए, लव जिहाद करने वाले भी बिलों में घुसना आरंभ कर चुके हैं।

बता दें कि पिछले एक वर्ष में लव जिहाद के मामलों में अचानक से तेजी देखने को मिली, जिसके बाद इस अपराध के खिलाफ कानून की मांग तेज़ हुई। ज़ी न्यूज़ कि एक रिपोर्ट के अनुसार मेरठ में शमशाद नामक एक व्यक्ति ने एक महिला और उसकी पुत्री की हत्या कर दी। शमशाद अपना नाम और धर्म छुपा कर इस महिला संग लिव इन रिलेशनशिप में था। वहीं जागरण कि एक रिपोर्ट के अनुसार पटना में प्रेम विवाह के चार साल पश्चात एक मुस्लिम व्यक्ति ने अपनी पत्नी को धर्म बदलने को कहा और यह भी कहा कि अगर वो ऐसा नहीं करती उसे घर से निकाल दिया जाएगा। और ये किस्से बस कुछ दिन या हफ्ते पुराने है, अगर खोदने जाएँ तो ऐसे किस्सो का पूरा अंबार निकलेगा। यूपी सरकार द्वारा राज्य में लव जिहाद के मामलों को साबित करने के लिए गठित विशेष जांच दल ने 14 में से 11 मामलों में लव जिहाद के होने का पता लगाया था। इसके बाद योगी सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए इस अपराध के खिलाफ विशेष अध्यादेश ला कर कानून बना दिया, जिसके बाद अब अपराधियों की धर पकड़ भी शुरू हो चुकी है।

भारतीय दक्षिणपंथ मानता है लव जिहाद एक क्रूर वास्तविकता है वहीं वामपंथी इसे एक  दक्षिणपंथी षड्यंत्र मानता है। दोनों ही पक्ष अपने-अपने विचारों पर अडिग हैं। परंतु उत्तर प्रदेश के उदाहरण को देखा जाए और पिछले 3-4 महीन में हुए मामलों को ध्यान से देखा जाए तो लव जिहाद कोई षड्यंत्र नहीं बल्कि आज की वास्तविकता है। परंतु लेफ्ट ब्रिगेड से तथ्यों पर ध्यान देने की उम्मीद करना किसी सजा से कम नहीं है। अब योगी सरकार के कानून से न सिर्फ “लव जिहाद” की मौजूदगी दर्ज की गयी है बल्कि इस कानून ने अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण भी पेश किया है। अब अन्य राज्यों को भी इसी प्रकार से कानून बना कर समाज में जबरन धर्म परिवर्तन की शिकार हो रही महिलाओं को ऐसे अपराधियों के अत्याचार से बचाने के लिए कदम उठाना चाहिए।

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