पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की UAE में हुई बेइज्जती, जिसके बाद पाकिस्तानी चैनलों ने भी लिया आड़े हाथों


 प्रत्येक देश की एक विशेषता होती है, लेकिन पाकिस्तान की कई विशेषताएं हैं। यहां के नेताओं को वैश्विक बेइज्जती, विकसित देशों के सामने झोली फैलाने और अपनी दोगली नीति के कारण आम जनता को मुसीबत में डालने की आदत है। कुछ ऐसा ही हाल पाकिस्तानी विदेश मंत्री के यूएई दौरे का भी है।

वो गए तो थे अपने नागरिकों के लिए वीजा मांगने, लेकिन उन्हें कोरोना वायरस की आड़ में झुन-झुना पकड़ा मिला है। उनकी सारी दलीलों को नजरंदाज करते हुए यूएई ने वीजा बैन हटाने की मांग खारिज कर दी है। यहां तक कि पाकिस्तानी झंडे का भी अपमान हुआ लेकिन पाक विदेश मंत्री कुछ न कर सके।

पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी तीन दिवसीय यूएई की यात्रा पर थे। पाकिस्तानी नेता का विदेश दौरा कुछ मांगने की नीयत से ही होता है, तो ये भी कुछ ऐसा ही था। बेहद अजीब और पाक जनता के लिए आपत्तिजनक बात ये थी कि कुरैशी यूएई के समकक्ष से द्विपक्षीय वार्ता कर रहे थे, लेकिन यूएई के झंडे के अलावा पाकिस्तान का झंडा तक नहीं लगा था, जो कि पाकिस्तान के लिए बेहद ही शर्मनाक बात थी। उससे भी शर्मनाक बात ये…कि इस बेइज्जती के बावजूद कुरैशी उस मीटिंग में बैठे रहे।

14 इस्लामिक देशों का वीजा यूएई में बैन है। इसमें पाकिस्तानी भी शामिल हैं। कुरैशी बड़ी उम्मीद से गए थे कि वीज़ा का ये मसला जल्दी हल हो सके, लेकिन उनके हाथ एक बार फिर झुन-झुना ही लगा। यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नेहान ने कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा पर अस्थाई रूप से बैन लगाया है, जिसकी वजह पाकिस्तान में बढ़ता कोरोना वायरस है। उन्होंने कुरैशी को ख़ुश करने के लिए पाकिस्तानी नागरिकों की तारीफ तो की, लेकिन वीजा बैन पर कुछ नहीं बोले। शाह महमूद कुरैशी और पूरे पाकिस्तान के लिए ये बेइज्जती से ज्यादा और कुछ नहीं था।

इस मसले पर पाकिस्तानी टीवी चैनल पूरी तरह से कुरैशी को लताड़ रहे हैं। उनका मानना है कि कुरैशी ने इस मसले पर जोर देते हुए कोई बात ही नहीं की, जबकि असल बात तो ये है कि कुरैशी बात किसी मुंह से करते यूएई के विदेश मंत्री ने सीधा फैसला ही सुना दिया था। ये लोग यहां तक कह रहे हैं कि कोरोना वायरस तो भारत में भी बढ़ रहा है इसके बावजूद वहां के लोगों के लिए यूएई में ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। टीवी चैनलों पर एंकरों और पैनलिस्टों की खीझ बताती है कि असल में पाकिस्तान को यूएई द्वारा वीजा बैन से कितना बड़ा झटका लगा है।

पाकिस्तान का रुख इन दिनों चीन और तुर्की जैसे देशों की तरफ नर्म हो चला है। यहां के नेता पैसे के लिए इन देशों की तरफ ताकते रहते हैं, और अरब देशों को अपनी अकड़ और घमंड दिखाते रहते हैं। ऐसे में कभी-कभी कुछ पैसे मिल भी जाते हैं लेकिन पाकिस्तान का यही रुख अरब देशों से उसकी दूरियां बढ़ा रहा है। इजरायल यूएई पीस डील का विरोध, इस्लामिक कट्टरता का बेहूदा ज्ञान देने वाला पाक अब अरब देशों को खटकने लगा है।

इसीलिए सउदी अरब समेत अरब देशों ने पाकिस्तान के सिर से अब अपना हाथ हटा लिया है, जिसके चलते पाकिस्तान की आर्थिक और कूटनीतिक दिक्कतें दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही हैं और उसके नेताओं का प्रत्येक विदेश दौरा वैश्विक बेइज्जती के साथ ही एक लाफ्टर शो भी बन गया है।

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