Rajnikanth- कभी कंडक्टर की करते थे नौकरी, आज हैं अरबों की संपत्ति के मालिक, संडे स्कूल से की पढाई?

 

Rajnikanth- कभी कंडक्टर की करते थे नौकरी, आज हैं अरबों की संपत्ति के मालिक, संडे स्कूल से की पढाई?

रजनीकांत भारतीय सिनेमा के सबसे प्रभावशाली शख्सियतों में से एक हैं, भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिये उन्हें भारत का तीसरा सर्वोच्च सम्मान पद्म भूषण मिला, एक्टिंग के अलावा रजनीकांत ने स्क्रिप्ट राइटिंग, फिल्म निर्माता तथा प्लेबैक सिंगर के रुप में भी काम किया है, उनकी पॉपुलैरिटी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दक्षिण भारत में उनके फिल्म के पोस्टर तक को दूध से नहलाया जाता है, रजनीकांत के तौर-तरीके, डायलॉग डिलीवरी, चलने का अंदाज की वजह से फैंस उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं, लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने के लिये उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी है, बस कंडक्टरी के दौरान उनकी महीने की सैलरी सिर्फ 750 रुपये थी, स्कूलिंग संडे स्कूल से हुई थी।

मराठी परिवार में जन्म
दरअसल रजनीकांत का जन्म शिवाजी राव गायकवाड़ के रुप में कर्नाटक में एक मराठी परिवार में हुआ था, उनके पूर्वज तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले की नाचिकुप्पम गांव के रहने वाले हैं, वो अपनी माता जीजाबाई तथा पिता रामोजी राव गायकवाड़ जो कि एक पुलिस कांस्टेबल थे, उनकी चौथी संतान थे, 5 साल की उम्र में ही रजनीकांत की मां का निधन हो गया, उन्होने अपनी स्कूली शिक्षा बसावनगुड़ी, बंगलुरु में आचार्य पाठशाला में तथा फिर विवेकानंद बालका संघ में की।

शिक्षा
विवेकानंद बालका संघ एक संस्था है, जिसे अप्रैल 1953 में गरीब लड़कों की शिक्षा के लिये खोला गया था, इसकी स्थापना भारत के बंगलुरु में स्वामी यतिस्वरानंद ने की थी, राम कृष्ण मठ स्कूल के अध्यक्ष यतिस्वरानंद रविवार के स्कूलों से प्रेरित थे, जिन्हें उन्होने संयुक्त राज्य अमेरिका में देखा था, संडे स्कूल एक चर्च द्वारा आयोजित एक वर्ग है, जिसे कुछ बच्चे ईसाई धर्म के बारे में जानने के लिये रविवार को जाते हैं, स्वामी यतिस्वरानंद इस बात से प्रभावित थे, कि कैसे उन्होने अपनी नियमित शिक्षा के साथ बच्चों के नैतिक तथा नैतिक विकास को बढावा किया, जब वो भारत लौटे, तो स्वामी विवेकानंद की दृष्टि के अनुरुप बच्चों के आध्यात्मिक तथा नैतिक विकास के लिये एक प्लान तैयार किया, जिसके बाद विवेकानंद बालका संघ शुरु हुआ। संस्था के पहले छात्र स्थानीय स्कूली बच्चे थे, आज विवेकानंद बालका संघ राम कृष्ण मठ स्कूल का हिस्सा है, जिसमें 9 साल से ज्यादा उम्र के लड़कों के लिये एक सांस्कृतिक संगठन के रुप में कार्य किया जाता है, .यहां छात्रों को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भजन जप भी सिखाया जाता है, भारत की सांस्कृतिक तथा धार्मिक विरासत से अवगत कराया जाता है।

एक्टिंग में डिप्लोमा
रजनीकांत ने विवेकानंद बालका संघ के बाद अपने एक दोस्त की मदद से तमिलनाडु के एमजीआर फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट से एक्टिंग में डिप्लोमा किया था, अब तक रजनीकांत ने करीब 190 फिल्मों में एक्टिंग की है, जिनमें तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, हिंदी, अंग्रेजी और बंगाली फिल्में शामिल है, उन्होने फिल्म अंधा कानून से बॉलीवुड में कदम रखा था, कभी 750 रुपये महीने में कंडक्टर की नौकरी करने वाले सुपरस्टार थलाईवा रजनीकांत आज 50 मिलियन यानी करीब 350 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं।

आपको ये पोस्ट कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए आप बॉलीकॉर्न.कॉम (bollyycorn.com) के सोशल मीडिया फेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम पेज को फॉलो करें।

0/Post a Comment/Comments