चीन के लोगों की बातों को देखकर यही लगता है, ‘रस्सी जल गई पर बल नहीं गया’। आज चीन में उत्पन्न वुहान वायरस की वजह से दुनिया भर में त्राहिमाम मचा हुआ है, लेकिन मजाल है कि चीन इसपर आत्मवलोकन करे। उलटे अगर वुहान वायरस से आम दिनचर्या को हो रहे नुकसान के चलते कोई व्यक्ति अपना आक्रोश व्यक्त कर रहा है, तो उसे भी डराने धमकाने में चीन कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
अभी हाल ही में यूनाइटेड किंग्डम में इस वायरस का एक नया स्ट्रेन पाए जाने का दावा किया जा रहा है, जो बहुत तेजी से फैल रहा है। इसके कारण एहतियातन तौर पर यूके के प्रशासन ने कई क्षेत्रों में पाबंदियां लगाई हैं, और क्रिसमस को भी जोर शोर से न मनाने की सलाह दी है। इससे दुखी एक राजनीतिज्ञ नाइजेल फाराज ने कहा, “इस साल क्रिसमस भी बर्बाद। बहुत बहुत धन्यवाद चाइना”।
अब इसपर एक चीनी राजनयिक ऐसा भड़क गया कि उसकी भड़ास देखने लायक थी। चाइना डेली के अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्टर Chen Weihua ने ट्वीट किया, “मास्क पहन और बकैती करना बंद कर”।
लेकिन नाइजेल भी कहां मानने वाले थे। उन्होंने Chen Weihua की धुलाई करते हुए ट्वीट किया, “चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को कभी सच पचता नहीं। इसीलिए वो इतना आक्रामक होते हैं। उन्हें पश्चिमी देशों को हुए नुकसान के लिए भरपाई करनी ही चाहिए”।
इसपर Chen Weihua को ऐसी मिर्ची लगी कि उसने ट्रम्प कार्ड खेलना शुरू कर दिया। जनाब ट्वीट करते हैं, “आक्रामक? ट्रम्प जैसे नस्लभेदी से तमीज़ से तो नहीं बात कर सकता”।
इसी को कहते हैं, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। चीन के कारण आज पूरी दुनिया में त्राहिमाम मचा हुआ है, और अब Chen Weihua जैसे चीनी ही दुनिया को संयम बरतने का ज्ञान देते फिर रहे हैं। इस पर एक अमेरिकी सांसद मारशा ब्लैकबर्न ने ट्वीट किया, “चीन का इतिहास है 5000 सालों से धोखेबाजी और चोरी का। कुछ चीजें कभी नहीं बदलती”।
इस पर Chen Weihua ऐसा भड़के कि उन्होंने बेहद आपत्तिजनक भाषा में मारशा को ट्वीट करना शुरू किया।
उन्हें नस्लभेदी और B**ch तक कहने में चेन ने कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन इससे स्पष्ट पता चलता है कि चीन इस समय कितना बौखलाया हुआ है। कोई भी देश उसका साथ देने को तैयार नहीं, यूरोपीय यूनियन तक फूँक फूँक के कदम रख रही है और भारत तिब्बत बॉर्डर के उस पार भारतीय सेना चीन की एक भी गलती पर उसे कच्चा चबाने के लिए तैयार बैठा है।
सच कहें तो Chen Weihua जैसे बड़बोले चीनी प्रवक्ता भी एक प्रमुख कारण है जो चीन के साथ बात बनाने के बजाए बिगाड़ सकते हैं। इनमें औपनिवेशिक मानसिकता इतनी कूट कूट के भरी हुई है कि ये किसी से सीधे मुंह बात ही नहीं कर सकते। लेकिन यही मानसिकता अब इन्हें बहुत भारी पड़ने वाली है, क्योंकि हर बार जनता माफ नहीं करेगी।
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