NDTV के सितारे इस समय गर्दिश में है। एक के बाद एक कई जांच एजेंसियां उसके काले कारनामों का लेखा जोखा निकालकर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। अभी हाल ही में SEBI ने एक अहम कार्रवाई में ICICI बैंक से लोन के संबंध में आवश्यक जानकारी निवेशकों से छुपाने के लिए एनडीटीवी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना और उनके स्वामी प्रणय रॉय एवं राधिका रॉय पर 1–1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, “Securities and Exchange Board of India ने कुल मिलाकर NDTV के शेयरधारकों से आवश्यक जानकारी छुपाने हेतु एनडीटीवी के तीनों प्रोमोटर प्रणय रॉय, राधिका रॉय और RRPR होल्डिंग लिमिटेड पर 27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।”
पर ये जुर्माना क्यों लगाया गया है?
दरअसल NDTV के प्रोमोटर RRPR Holding Limited ने 2008 में ICICI Bank से एक लोन के संबंध में समझौता किया था। बार एंड बेंच की रिपोर्ट में इसके बारे में बताया गया कि, “निर्णय में Adjudicating Officer Amit Pradhan ने बताया कि रॉय ने Section 12A of the SEBI Act एवं SEBI के Prohibition of Fraudulent Trade Practices relating to Securities Market Regulations, 2003 (PFUTP Regulations) का उल्लंघन करते हुए तीन लोन समझौतों के बारे में आवश्यक जानकारी अपने शेयरधारकों के साथ साझा नहीं की।
RRPR Holdings ने अक्टूबर 2008 में ICICI के साथ लोन करार किया था और इसके अलावा उसने VCPL के साथ 2009 और 2010 में क्रमश: Rs. 350 crores और Rs. 50 crores के लोन का करार किया था।सेबी के अनुसार इन समझौतों को शेयरधारकों से छुपाकर किया गया, जिससे न सिर्फ SEBI के अधिनियमों का उल्लंघन हुआ, अपितु धाँधलेबाज़ी की आशंका भी सामने आई।
एनडीटीवी ने खूब दलीलें दी कि यह लोन RRPR होल्डिंग्स लिमिटेड ने उनकी स्वीकृति से नहीं दिया , लेकिन सेबी के सामने उनकी दाल नहीं गली। लेकिन ये पहली बार नहीं है जब एनडीटीवी पर सेबी ने कानून का मखौल बनाने के लिए कार्रवाई की हो।नवम्बर में एक अहम कार्रवाई में सेबी ने एक अहम निर्णय में एनडीटीवी प्रमुख प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय के Securities Market में प्रवेश पर दो वर्षों के लिए निषेध लगा दिया, और साथ ही साथ वित्तीय अनियमितताओं में लिप्त पाए जाने के लिए 16.97 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया।
SEBI के अनुसार सितंबर 2007 से अप्रैल 2008 के बीच प्रणय रॉय इनसाइडर ट्रेडिंग में लिप्त पाए गए। चूंकि प्रणय रॉय एनडीटीवी के तत्कालीन अध्यक्ष और राधिका रॉय मुख्य प्रबंधक थे, इसलिए वे इस धांधली के प्रमुख आरोपी सिद्ध हुए। इनसाइडर ट्रेडिंग से लिए शेयर्स को 17 अप्रैल 2008 को बेचकर प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने 16.97 करोड़ रुपये का लाभ कमाया। ऐसा करके दोनों ने न केवल PIT के अधिनियमों का उल्लंघन किया, बल्कि अपने ही चैनल द्वारा इनसाइडर ट्रेडिंग को लेकर तय किए गए पैमानों की भी धज्जियां उड़ाई।
एक ज़माना था जब NDTV जैसे मीडिया संगठन ये तय करते हैं कि सरकार में किसे मंत्री बनाया जाए और किसे नहीं। लेकिन अब एनडीटीवी से भी सेबी जैसी संस्थाएँ उनकी काले करतूतों का चुन-चुन कर हिसाब वसूल रही हैं, और इस समय एनडीटीवी के लिए एक ही संवाद उपर्युक्त है, “तू डर रहा है? अभी तो शुरू भी नहीं हुआ है”।
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