कुमारस्वामी ने बहुत कोशिश की NDA में शामिल होने की, बीजेपी ने दिखाया ठेंगा


“अंगूर खट्टे हैं” ये मुहावरा बीजेपी में पार्टी का विलय कराने की सोच रहे जनता दल (सेक्युलर) के अध्यक्ष और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के लिए बिल्कुल सटीक है। उनकी पार्टी के बीजेपी में विलय होने के कयासों के बीच बीजेपी नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने साफ कर दिया है कि विलय की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में जब बीजेपी ने कुमारस्वामी को कोई तवज्जो नहीं दी तो मजबूरन कुमारस्वामी को कहना पड़ा कि हम पार्टी का विलय करने की नहीं सोच रहे हैं और पूरे राज्य में भ्रमण कर 2023 विधानसभा चुनाव की तैयारी करेंगे।

हाल के दिनों में बीजेपी को समर्थन देने और लगातार एनडीए का सहयोग देने की बात करने वाले एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी का कहीं भी कोई विलय नहीं होने वाला है और हम 2023 के विधानसभा चुनावों की तैयारी करेंगे। उन्होंने कहा, राजनीतिक गतिविधियां बीजेपी का आंतरिक मामला है। मैं उनकी पार्टी के फैसले में दखल नहीं देना चाहता… मैं विलय या गठबंधन के बारे में नहीं सोच रहा हूं… मैं स्पष्ट बहुमत पाने के लिए अगले 2.5 वर्षों तक कड़ी मेहनत करना चाहता हूं।”

कांग्रेस के साथ गठबंधन में मुख्यमंत्री रहे कुमारस्वामी ने कुछ दिनों पहले कांग्रेस को बीजेपी से बड़ी धोखेबाज पार्टी बताया था। वहीं अब उन्होंने कहा है कि दोनों राष्ट्रीय पार्टियों का चरित्र एक जैसा है दोनों हमारे पास आना चाहतीं हैं। उन्होंने कहा, हर कोई देख रहा है कि दोनों राष्ट्रीय दल (बीजेपी और कांग्रेस) कैसे हमारे पास आना चाहते हैं। हर किसी को जेडीएस की आवश्यकता होती है। जब वे चाहते हैं… आ जाते हैंलेकिन फिर अपना मतलब निकलने के बाद जेडीएस को अलग कर देते है।”

गौरतलब है कि पिछले काफी वक्त से कुमारस्वामी कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। उन्होंने कांग्रेस को बीजेपी से बड़ा धोखेबाज और अवसरवादी बताया था। साथ ही वे ये भी कह चुके हैं कि अगर बीजेपी के साथ उनके अच्छे रिश्ते होते, तो वो अभी भी मुख्यमंत्री पद पर बने रह सकते थे। इसके बाद से ही ऐसा लग रहा था कि कुमारस्वामी आने वाले वक्त में बीजेपी के लिए बैटिंग कर सकते हैं, लेकिन अब बीजेपी ने उन्हें अपने टीम-11 तक में शामिल करने से इंकार कर दिया है। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने अपने कार्यकर्ताओं से इस मसले फर कुछ भी बयानबाजी न करने की हिदायत देते हुए कहा, जेडीएस के बीजेपी में विलय होने का कोई औचित्य ही नहीं हैसमर्थन पर बात हो सकती है लेकिन विलय पर नहीं।”

एचडी कुमारस्वामी  पिछले दो महीनों में दो बार मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से उनके सरकारी आवास पर मिल चुके हैं। उनके बयान हमेशा ही बीजेपी के लिए सकारात्मक रहे हैं। ऐसे में खबरें ये भी आईं थीं कि जेडीएस बीजेपी सरकार में मुद्दा आधारित समर्थन दे सकती हैं, लेकिन लाख प्रयासों के बावजूद जब विलय की कोशिशों में कुमारस्वामी पूरी तरह नाकाम हो गए और बीजेपी ने उन्हें भाव नहीं दिया तो कुमारस्वामी ने कहा कि वो 2023 चुनाव की तैयारी करेंगे और सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दल एक जैसे ही हैं। ये बिल्कुल ठीक वैसी ही स्थिति है कि जब लाख कोशिशों के बावजूद कुमारस्वामी को कुछ नहीं मिला उनके लिए बीजेपी के अंगूर खट्टे हो गए हैं।

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