किसान आंदोलन पर वामपंथियों-खालिस्तानियों का कंट्रोल, IB ने जारी किया अलर्ट, हिंसा की आशंका

 

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में पिछले 16 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय खुफिया ब्यूरो (IB) ने अलर्ट जारी किया है। IB ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, वामपंथी संगठनों और खालिस्तान से जुड़े संगठन किसान आंदोलन के बहाने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और दूसरे मामलों में गिरफ्तार किए गए वामपंथी संगठनों के नेताओं की समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आंदोलन के बहाने देश में व्यापक हिंसा की आशंका जताई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, आंदोलन के बहाने ही वामपंथी संगठन के लोग किसानों को भड़काने का काम कर रहे हैं। यही वजह है कि, किसान आंदोलन में अब कोरेगांव यलगार परिषद मामले से सम्बंधित लोगों को रिहा करने की मांग की जा रही है।

हिंसा को लेकर जेल में बंद आरोपियों के खिलाफ किसान आंदोलन में आवाज उठाई जाने लगी है। पिछले दिनों जेल में बंद माओवादी नेता वरवर राव और गौतम नवलखा जैसे कई लोगों को लेकर रिहाई की मांग की जा रही है। वहीं इस वर्ष दिल्ली में हुई हिंसा और इस दौरान लोगों को भड़काने, देश विरोधी टिप्पणी करने वाले शरजील इमाम के समर्थन में टिकरी बॉर्डर पर कई पोस्टर लगाए गए हैं। किसान आंदोलन के बहाने अब वामपंथी संगठन अपनी जमीन तलाशने में लग गए हैं, उनकी कोशिश है कि, अब इस आंदोलन का इस्तेमाल अपने उन सदस्यों को छुड़वाने के लिए किया जाए तो हिंसा के मामले में जेल में बंद हैं।

वहीं पंजाब में कानून व्यवस्था ख़राब करने के लिए भी खालिस्तानी संगठन किसान आंदोलन का इस्तेमाल कर रहा है। शरजील इमाम और उमर खालिद की रिहाई की मांग वाले पोस्टर को लेकर जब भारतीय किसान संगठन उगराहा के दर्शनपाल सिंह से मीडिया ने बात की तो उन्होंने बताया कि, हमारे संगठनों के बीच सहमति बनी है और जिन लोगों पर NRC और CAA के खिलाफ हुए प्रदर्शन की वजह से झूठे आरोप लगाए गए हैं, उनके खिलाफ हम आवाज उठाएंगे।

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