सीबीआई ने शारदा चिट फंड घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है, एजेंसी ने कोर्ट में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी तथा उनकी सरकार पर जांच में लगातार जानबूझकर असहयोग करने का आरोप लगाया है, 23 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका में सीबीआई ने इसके साथ ही ये भी कहा कि घोटाला मामले के आरोपियों में एक पूर्व राज्यसभा सांसद कुणाल घोष की जांच में ईडी ने खुलासा किया है कि सीएम ममता और शारदा ग्रुप के प्रमोटर सुदीप्तो सेन के बीच काफी अच्छे संबंध थे, इसमें फोन रिकॉर्ड से भी पता चलता है कि घोष और सेन लगातार एक-दूसरे के संपर्क में थे, बता दें कि केन्द्रीय जांच एजेंसी को सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल में पोंजी योजना के मामलों की जांच का काम सौंपा है।
पूर्व कमिश्नर की भूमिका
सीबीआई ने ये भी कहा कि इसमें कोलकाता पुलिस के पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार की खास भूमिका है, क्योंकि जब वो बिधानगर में तैनात थे, तो उन्होने शारदा केस की निगरानी की थी, सीबीआई ने उन्हें भी हिरासत में लेकर पूछताछ करने की मांग की है, बता दें कि 2019 फरवरी में सीबीआई को राजीव कुमार से पूछताछ से रोकने के लिये सीएम ममता बनर्जी व्यक्तिगत तौर पर धरने पर बैठ गई थी, जिसका जिक्र करते हुए जांच एजेंसी ने कोर्ट में बताया कि तथ्य स्पष्ट रुप से बंगाल में कानून और संवैधानिक मशीनरी के शासन के पूर्ण टूटने की ओर इशारा करते हैं।
आरोपों के बाद राजनीति गरमाई
ममता सरकार पर सीबीआई के इन आरोपों के बाद प्रदेश में इस मुद्दे पर राजनीति एक बार फिर से गरमा सकती है, क्योंकि बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, सीबीआई की याचिका में शारदा समूह के एक कर्मचारी कर्मचारी सफीकुर रहमान से ईडी की पूछताछ की भी बात की गई है, जिसमें कहा गया था कि सांसद कुणाल घोष निर्देश देते थे, साथ ही शारदा प्रमोटर ने विभिन्न दुर्गा पूजा समितियों को पैसे देने के लिये कहा, जब सीएम ममता ने एमएलए सीट के लिये चुनाव लड़ा, तो सेन को कोलकाता स्थित भवानीपुर में सभी पूजा पंडालों को प्रायोजित करने के लिये मजबूर किया गया था।
सीबीआई पर हमला
मामले में तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने सीबीआई को एक राजनीतिक एजेंसी कहा था, उन्होने कहा कि 6 साल पहले सीबीआई को अरस आरोप की वजह से जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, कि राज्य सरकार जांच में मदद नहीं कर रही, अब 6 साल बाद ही जांच एजेंसी वही बात दोहरा रही है, सीबीआई एक राजनीतिक एजेंसी के अलावा कुछ नहीं है। उन्होने कहा कि अगर सीबीआई सही दिशा में काम कर रही है, तो मुकुल रॉय और शुभेन्दु अधिकारी को गिरफ्तार क्यों नहीं करती, मालूम हो कि टीएमसी के पूर्व नेता तथा शारदा घोटाले में सह अभियुक्त मुकुल रॉय तथा अधिकारी अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। शारदा समूह की कंपनियों ने लाखों लोगों से उनके निवेश पर अधिक वापसी का वादा करते हुए कथित तौर पर 2500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है।
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