अपने पंजाबी मित्रों के साथ मैदान में Bollywood, अराजकतावादियों के समर्थन में Priyanka-Tapsee जैसों का विलाप शुरू हो गया


देश में कहीं भी भारत विरोधी प्रदर्शन हो, और बॉलीवुड का प्लैकार्ड गैंग उनका समर्थन न करे, ऐसा हो सकता है भला? कठुआ कांड, अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और नागरिकता संशोधन अधिनियम में अपनी भद्द पिटवाने के बाद भी जब इनको चैन नहीं मिला तो अब इन्होंने ‘किसान आंदोलन’ के नाम पर चल रहे अराजकतावाद को बढ़ावा देना शुरू कर दिया।

सबसे पहले बात करते हैं प्लैकार्ड गैंग की प्रख्यात जोड़ी –  सोनम और तापसी की। हत्या हो, दुष्कर्म हो, लूटपाट हो, आगजनी हो, जहां पर मोदी सरकार के विरुद्ध जरा भी शक की सुई घूमी, तो इनके चेहरे पर मुस्कान देखते ही बनती है। दरअसल, पंजाबी कलाकार गिप्पी ग्रेवाल ने बॉलीवुड की आलोचना करते हुए कहा कि शूटिंग के लिए तो जरूर आ जाते हैं, पर हक की लड़ाई से मुंह मोड़ लेते हैं। इसपर तपाक से तापसी पन्नू ने जवाब में ट्वीट किया, “सर, जिनसे आपसे उम्मीद की, जब उन्होंने नहीं बोला, तो आप हमें भी उनके साथ मत जोड़िए। हमें किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं, पर आपका ऐसे नजरअंदाज करना हमें अखरता है”।

परंतु तापसी अकेली नहीं थीं। सोनम कपूर ने अराजकतावादियों का महिममंडन करते हुए इंस्टाग्राम पर डेनियल वेबस्टर का कथन पोस्ट किया, “जब बुआई होती है, तभी अन्य कलाओं को बल मिलता है। किसान मानव सभ्यता का असली जनक है”।

 

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अब सोनम कपूर और तापसी के सुवचन सामने आए, तो भला प्रियंका मैडम कैसे पीछे छूट सकती हैं? मोहतरमा ट्वीट करती है, “किसान इस देश के अन्न सैनिक हैं। उनके डर को खत्म करना चाहिए। उनकी उम्मीदों को सहारा मिलना चाहिए। एक सशक्त लोकतंत्र के तौर पर हमें सुनिश्चित करना है कि यह संकट जल्द ही खत्म हो” ।

इस बीच यदि कोई सबसे अधिक उग्र रही, तो वे थीं ऋचा चड्ढा। जितना समर्थन इन्होंने दिल्ली के आसपास डेरा डाले अराजकतावादियों का किया, उतना तो शायद पूरे पंजाबी फिल्म एवं संगीत उद्योग ने भी मिलकर नहीं किया। एक ट्वीट में उन्होंने गायक दलेर महंदी द्वारा ‘किसान आंदोलन’ में अराजकतावादियों की हिस्सेदारी का विरोध करने का उपहास उड़ाते हुए ट्वीट किया, “जो खुद भ्रम फैलाते हैं, उन्हे लगता है कि सभी भ्रमित हैं”।

इसके अलावा उन्होंने कई पोस्ट रीट्वीट किए, जिनमें या तो देशद्रोही ताकतों को बढ़ावा दिया जा रहा था, जैसे शाहीन बाग के आंदोलनकारियों का इस आंदोलन से जुड़ना, या फिर अफवाहें फैलाई जा रही थी।

अब ऐसे में वामपंथी निर्देशक अनुभव सिंह भला कैसे पीछे रहते? उन्होंने भी अराजकतावादियों को अपने अकाउंट से खूब बढ़ावा दिया। जब विवादित पंजाबी गायक जैज़ी बी ने कृषि कानूनों को हटाने की मांग पर दिल्ली चलो का नारा दिया, तो अनुभव ने गुरुमुखी लिपि में ट्वीट किया, “पंजाबियों की बात ही कुछ और है”।

सच कहें तो बॉलीवुड का प्लैकार्ड गैंग अभी भी इस सोच में जीता है कि उनकी एक आवाज पर सरकार दौड़े दौड़े चली आएगी और उनकी सारी मांगें बिना किसी सवाले के मान लेंगी। लेकिन सच्चाई तो यह है कि उन्हे स्वयं बॉलीवुड के एलीट वर्ग ने भी CAA और वंशवाद के कारण हुई फजीहत के बाद से गंभीरता से लेना बंद कर दिया है।

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