साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज, लगेगा गुरू चांडाल योग, इन दो राशियों पर लटक रही तलवार

 

SURYA GRAHAN

आज साल 2020 का आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2020) लगने जा रहा है। ज्योतिष के अनुसार साल का आखिरी ग्रहण कई राशियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज सोमवती अमावस्या के दिन लगने वाला सूर्यग्रहण दो राशियों पर अपना भारी असर डालने वाला है। साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज शाम 7 बजकर 3 मिनट से शुरू होगा और रात 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। बता दें ये ग्रहण वृश्चिक राशि और मिथुन लग्न में लगेगा। ये ग्रहण साल का अंतिम ग्रहण है इसी वजह से इसका प्रभाव ज्यादा माना जा रहा है। इसलिए वृश्चिक राशि और मिथुन राशि के जातकों को बहुत सावधानी रखनी पड़ेगी। यदि ये दोनों राशि वाले जातक लापरवाही बरतेंगे तो उनकी धन संपत्ति से लेकर शारिरिक समस्या और या हो सकता है कि उन्होंने मानसिक रोग का भी सामना करना पड़े। इस ग्रहण की खासियत है कि ग्रहण काल में ही गुरू चांडाल योग भी लग रहा है। जोकि इन राशि के लोगों की कुंडली पर भी प्रभाव डालेगा। बता दें कि ये ग्रहण करीब 5 घंटे तक रहेगा।

करें इन मंत्रों का जाप
तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥१॥
विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत। दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥२॥
ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात
इन मंत्रों का जाप कर ग्रहण काल में आने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है। लेकिन ध्यान रहें कि इस दौरान सूतक काल का ध्यान रखें।

ज्योतिषी का कहना
ज्योतिषों के मुताबिक सूर्यग्रहण के खगोलीय विज्ञान के अलावा ज्योतिष विज्ञान में भी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका है। बताया जा रहा है कि कोरोना महामारी के इस दौर में यह ग्रहण अधिक अशुभ साबित हो सकता है।

सूतककाल पर मतभेद
भारत में यह सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा इसलिए देशवासियों के लिए सूतककाल भी मान्य नहीं होगा। लेकिन ये ग्रहण जिन देशों में लगेगा वहां पर सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पूर्व सूतक काल की शुरुआत हो जाएगी।

  • गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानियां
    घर से बाहर बिल्कुल भी न निकलें।
  • ग्रहण के दौरान चाकू, छूरी या तेज धार हथियार से दूर रहें। इससे शिशु की की सेहत पर बुरा असर होता है।
    ग्रहण के दौरान सिलाई-कढ़ाई न करें।
  • खासकर गर्भवती महिला ग्रहण के दौरान किसी भी चीज का सेवन न करें।
    ग्रहण के बाद गर्भवती महिला को अवश्य नहाना चाहिए नहीं तो बच्चे को त्वचा संबंधी रोग होने की संभावना हो जाती है।
  • नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिला को जीभ पर तुलसी का पत्ता रखकर हनुमान और दुर्गा चालीसा पढ़नी चाहिए।
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