बिहार में खत्म होगा शराबबंदी कानून? जानिये लगातार उठ रही मांग का पूरा सच

 

बिहार में खत्म होगा शराबबंदी कानून? जानिये लगातार उठ रही मांग का पूरा सच

बिहार में शराबबंदी कानून को खत्म करने तथा फिर से इसकी बिक्री चालू करने की मांग जोर पकड़ने लगी है, मंगलवार को एक साथ कांग्रेस को दो बड़े नेताओं ने बिहार सरकार से ये मांग कर दी है, कांग्रेस विधायक अजित शर्मा द्वारा की गई मांग का सांसद अखिलेश सिंह ने भी समर्थन किया है। जिसके बाद इस पर फिर से चर्चा शुरु हो गई है।

कांग्रेस विधायक की मांग
अखिलेश सिंह ने अपनी पार्टी के विधायक दल के नेता अजित शर्मा की उस मांग का समर्थन किया है, जिसमें उन्होने सीएम नीतीश कुमार को लेटर लिखकर बिहार में शराबबंदी कानून खत्म करने की मांग की है, राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने सवालिया लहजे में कहा कि आज बिहार में कहां नहीं शराब बिक रहा है, बिहार में शराबबंदी कानून के कारण राजस्व की काफी क्षति हो रही है, उन्होने कहा कि अजित शर्मा ने इसी परिपेक्ष्य में शराबबंदी कानून को खत्म करने की मांग रखी है।

भागलपुर के विधायक ने उठाई थी मांग
इससे पहले भागलपुर से कांग्रेस विधायक अजित शर्मा ने नीतीश कुमार को पत्र लिखते हुए इस कानून को खत्म करने की मांग की थी, Liquorलेटर में कहा गया है कि शराबबंदी कानून की समीक्षा करने का समय आ चुका है, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजित शर्मा ने इस संबंध में सीएम को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून लागू है, उस समय कांग्रेस पार्टी भी आपके साथ थी, तब पार्टी ने अच्छा काम समझकर आपका भरपूर समर्थन किया था, लेकिन साढे 4 सालों में देखने में आया कि शराबबंदी सिर्फ कहने को है, हकीकत में ये बिहार में लागू ही नहीं है, बल्कि ये अवैध धन अर्जन का एक साधन हो गया है।

घर-घर तक पहुंच रही शराब
कांग्रेस के अनुसार शराब दुकानों में ही नहीं बल्कि घर-घर तक पहुंचती है, शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी शराब की होम डिलीवरी हो रही है, इस धंधे में ना सिर्फ शराब माफिया बल्कि पुलिस-प्रशासन, नौकरशाह तथा कुछ राजनीतिज्ञ भी शामिल है, इस धंधे में नई उम्र के लड़के-लड़कियां भी पढाई छोड़कर होम डिलीवरी में लग गये हैं। कांग्रेस विधायक ने लेटर में लिखा है, जिस आशा के साथ शराबबंदी लागू की गई थी, वो सफल होते हुए नहीं दिख रही है, इस कानून से अब तो गरीब परिवार और भी आर्थिक बोढ तले दब गया है, क्योंकि अब 2-3 गुना अधिक कीमत पर शराब खरीदकर लोग पी रहे हैं, इतना ही नहीं लाइसेंसी दुकानों में शराब नहीं बिकने के कारण नकली-जहरीली शराब की होम डिलीवरी की आशंका बढ गई है, अब तक दर्जनों लोग जहरीली शराब से मौत के मुंह में समा चुके हैं।

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