कांग्रेस नहीं भाजपा केरल की कम्युनिस्ट सरकार के लिए बड़ा खतरा बन गई है

 


दक्षिण भारतीय राजनीति में भारतीय जनता पार्टी का दायरा धीरे-धीरे ही सही लेकिन बढ़ रहा है और ये कांग्रेस समेत लेफ्ट के लिए चिंता का विषय है। केरल के निकाय चुनाव में बीजेपी भले ही ज्यादा सीटें न जीत सकी हो लेकिन उसने यहां अपने पैर जमाने शुरू कर दिए हैं। पलक्कड़ में बीजेपी की जीत के साथ ही पार्टी को यहां सबरीमाला मंदिर के भगवान अयप्पा का आशीर्वाद मिल गया है, जो दिखाता है कांग्रेस और यूडीएफ के जनाधार को चोट लगी है, जो इस बात का साफ संकेत देता है कि जल्द ही केरल से भी बीजेपी लेफ्ट समेत कांग्रेस की जमीन खत्म कर देगी।

केरल निकाय चुनाव नतीजों में बीजेपी ने भले ही तिरुवनंतपुरम में की सीट गंवाईं हो, लेकिन पार्टी ने एलडीएफ की नाक में दम कर दिया और बेहद कम अंतरों से एलडीएफ को जीत नसीब हुई। यही नहीं बीजेपी ने पलक्कड़ के निकाय चुनाव में भारी जीत दर्ज कर ली है। इस एक सीट को लेकर बीजेपी का कुछ लोग मजाक बना रहे हैं कि एक ही सीट तो जीती है, लेकिन ये बीजेपी के लिए एक शुभ संकेत है, क्योंकि यह सबरीमाला मंदिर के भगवान अयप्पा का क्षेत्र है जो कि सकारात्मक संकेत दे रहा है।

बीजेपी की स्थिति राज्य में नंबर तीन की हो गई है जो कि उसके लिए सकारात्मक ही है। खास बात ये है कि गठबंधन के बावजूद यहां कांग्रेस को कुछ खास लाभ नहीं हुआ है। कांग्रेस का वोट बीजेपी के खाते में आसानी से आया है जिसके चलते कांग्रेस और यूडीएफ दोनों का ही जनाधार घटा है। बीजेपी को ग्राम पंचायत में 1182, ब्लॉक पंचायत में 37, जिला पंचायत में 2 और नगरपालिका में 320 सीटें मिली हैं।

इस मौके पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने केरल की जनता का बीजेपी के जनाधार को मजबूत करने के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा, “मैं पंचायत चुनाव में जनाधार की बढ़ोतरी के लिए केरल की आम जनता का धन्यवाद देता हूं। बीजेपी की केरल इकाई के कार्यकर्ताओं और अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने इन चुनावों में जनता के बीच बेहतरीन काम किया है हम ऐसे ही भ्रष्टाचार और कुशासन के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहेंगे।”

बीजेपी ने इन चुनावों में कांग्रेस और उसके समर्थन वाली यूडीएफ को कड़ी टक्कर दी है। भाजपा का प्रदर्शन यहां 2015 से बेहतर रहा है। बीजेपी को हराने के लिए ही कांग्रेस और यूडीएफ जैसी पार्टियों ने गठबंधन बनाया था। बीजेपी को सफलता अनुमान की अपेक्षा कम मिली है लेकिन पार्टी ने राज्य के अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों को अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सावधान कर दिया है। एलडीएफ की जीत और बीजेपी की हार के बावजूद केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन बीजेपी को निशाने पर ले रहे हैं।

बीजेपी की यही आक्रामकता विपक्ष के लिए खतरा है। बीजेपी ने पूर्वोत्तर भारत और पश्चिम बंगाल में लेफ्ट को बिल्कुल समेट दिया है। इसके चलते लेफ्ट के मुख्यमंत्री अपनी जीत पर खुशी तो जाहिर कर रहे हैं लेकिन असल में वो इस मुद्दे पर डरे हुए हैं। दूसरी ओर कांग्रेस को तो बीजेपी पूरे देश में ही समेट चुकी है।

ऐसे में कांग्रेस को अपने केरल का जनाधार खिसकता दिख रहा है। बंगाल, हैदराबाद, आंध्र प्रदेश कर्नाटक के बाद अब केरल में जिस तरह से पार्टी ने अपना सर्वोच्च प्रदर्शन देकर भगवान अयप्पा का आशीर्वाद पाया है, वो जाहिर करता है कि बहुत ही जल्द पार्टी केरल में भी मुख्य भूमिका में आ जाएगी और ये विपक्ष के लिए झटका साबित होगा।

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