चीन ब्रह्मपुत्र के पानी को रोककर भारत से अपमान का बदला लेना चाहता था, उसकी योजना पर पानी फिर गया


 इस वर्ष चीन को दुनिया के हर कोने में मात मिली है और इसी हार के कारण वह बौखलाया हुआ है। यह बौखलाहट इतनी है कि वह बदला लेने के लिए कुछ भी करने को तैयार दिख रहा है। भारत के साथ हुई बॉर्डर पर झड़प में चीन को मुंह की खानी पड़ी थी, अब चीन इसी हार का बदला लेने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी पर एक सुपर डैम बनाना चाहता है जिससे वह भारत जाने वाले पानी को रोक सके और भारत को गिड़गिड़ाने पर मजबूर कर सके। परंतु चीन का यह प्लान कभी पूरा नहीं होने वाला है। अब भारत किसी की धमकी के डर से अपने कदम पीछे नहीं खींचने वाला है।

दरअसल, चीन तिब्बत क्षेत्र की ओर से आने वाली ब्रह्मपुत्र नदी पर एक सुपर डैम के निर्माण की योजना बना रहा है जो उसके Three George Dam से भी विशाल होगा। 60 गीगावॉट क्षमता वाला यह डैम इस नदी पर बने कई डैम का हिस्सा हो जाएगा जिसके माध्यम से चीन ब्रह्मपुत्र के पानी को अपने हिसाब से नियंत्रित कर सकता है। इस खबर के मीडिया में आने के बाद भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए एक 10 गीगावॉट की क्षमता वाले डैम के निर्माण की घोषणा कर दी। हालांकि, अब चीन इस डैम के बारे में प्रोपोगेंडा फैला रहा है कि भारत खुद पाकिस्तान और बांग्लादेश को जाने वाली नदियों पर डैम बनाता है लेकिन चीन को डैम नहीं बनाने दे रहा है। ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख प्रकाशित करते हुए लिखा,

“यह स्पष्ट है कि भारत दोहरा मानक अपना रहा है। एक तरफ भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित डाउनस्ट्रीम देशों पर दबाव डालने के लिए जल संसाधन मुद्दों का उपयोग करने का आदी हो गया है, तो वहीं दूसरी तरफ चीन की योजनाबद्ध पनबिजली परियोजना के खिलाफ आधारहीन हमले कर रहा है”।

यह चीन की बौखलाहट को ही दिखाता है कि वह उल्टे भारत पर आरोप लगाकर अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाफ माहौल बनाना चाहता है जिससे भारत दबाव में आकर उसके डैम को हरी झंडी दे दे।

वास्तव में यह बौखलाहट गलवान घाटी में मिली हार का भी है जब चीन ने पीछे से हमला किया था जिसमें भारत के 20 सैनिक हुतात्मा हुए थे और जब भारत ने जवाबी कार्रवाई की। भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को तहस नहस कर 40 से अधिक को मार गिराया। चीन द्वारा 5 हजार से अधिक सैनिकों के बॉर्डर पर जमा होने के बावजूद भारत ने एक कदम भी पीछे नहीं हटाया। इसके उलट भारत ने स्वयं एक्शन लेते हुए Pangog tso नदी के पास ऊंचाई पर कब्जा किया। इससे चीन की अंतराष्ट्रीय स्तर पर बेइज्जती हुई। अब वह बदले की भावना में जल रहा है और किसी भी तरह से बॉर्डर पर दबाव बनाना चाहता है।

अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर इलाकों में डैम बनाना उसके लिए अब उतना आसान नहीं है जैसे पहले उसने कई डैम बना लिए। चीन का प्लान कभी भी सफल नहीं होने वाला है क्योंकि अब भारत त्वरित कार्रवाई करने की क्षमता रखता है। चीन कितना भी प्रोपोगेंडा कर ले भारत ने देखा है कि चीन किस तरह से मेकोंग नदी पर बांध के ऊपर बांध बना कर डाउनस्ट्रीम देशों में सूखे की स्थिति पैदा कर चुका है, और वह अपने पूर्वोतर राज्यों में ऐसा नहीं होने देगा। चीन की नापाक हरकतों का जवाब देने के लिए ही BRO दिन रात बॉर्डर क्षेत्रों में रोड के निर्माण में लगा है साथ ही कई पुलों का भी निर्माण कर रहा है। चीन की एक हरकत का जवाब अब उससे अधिक ताकत से दिया जाता है। भारत ने जिस तरह से डैम की खबर आने के बाद अपना डैम बनाने का निर्णय लिया उससे चीन को बैकफुट पर जाना पड़ा और यही आगे भी होगा। चीन अपनी योजना में कभी सफल नहीं हो पाएगा।

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