धुरंधर तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने 28 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया, उन्होने अपने इस फैसले के लिये टीम मैनेजमेंट को जिम्मेदार बताया है, साथ ही अपनी छवि खराब करने के लिये कोच मिस्बाह-उल-हक तथा तेज गेंदबाजी कोच वकार युनूस की आलोचना की, अपने यू-ट्यूब चैनल पर बायें हाथ के इस तेज गेंदबाज ने साफ किया, कि उनकी समस्या मिस्बाह और वकार युनूस को लेकर थी।
जहर भरने की कोशिश
मोहम्मद आमिर ने कहा कि ये लोग धीरे-धीरे लोगों के दिमाग में जहर भरने की कोशिश कर रहे थे, मैं टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना चाहता हूं, और सिर्फ पैसे कमाने के लिये टी-20 लीग खेलना चाहता हूं, उन्होने ये धारणा बनाई कि मैंने तमाम उम्मीदों के बावजूद टीम को नीचा दिखाया, इस तेज गेंदबाज ने कहा, उन्होने मेरी इमेज खराब करने की कोशिश की, आपको अपनी छवि बनाने के लिये काफी मेहनत करनी पड़ती है।
मुश्किल फैसला
तेज गेंदबाज ने कहा कि ये मेरे लिये बहुत मुश्किल फैसला था, लेकिन मुझे लगा कि समय आ गया है जबकि चुप नहीं रहना चाहिये, मैंने ये मसला उठाने तथा लोगों को सच्चाई से अवगत कराने के लिये ये फैसला किया, टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद मैंने खुद को सीमित ओवरों के मैचों के लिये उपलब्ध रखा था, लेकिन जब वर्तमान टीम प्रबंधन ने जिम्मा संभाला, तो अच्छे प्रदर्शन के बावजूद मुझे नजरअंदाज किया गया।\
मैं आहत था
मोहम्मद आमिर ने कहा कि निश्चित तौर पर मैं आहत था, जब उन्होने न्यूजीलैंड दौरे के लिये 35 खिलाड़ियों में भी मुझे नहीं चुना, अगर मैं सिर्फ लीग खेलने पर ध्यान दे रहा होता, तो मुझे न्यूजीलैंड दौरे से बाहर किये जाने पर बुरा नहीं लगता, और मैं रिएक्ट भी नहीं करता।
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