आजादी के मायने ये नहीं होते… कुमार विश्वास ने भगत सिंह को किया कोट, तो शुरु हुआ तर्क-वितर्क!

 

आजादी के मायने ये नहीं होते… कुमार विश्वास ने भगत सिंह को किया कोट, तो शुरु हुआ तर्क-वितर्क!

रॉकस्टार कवि कुमार विश्वास ना सिर्फ अपनी कविताओं के लिये बल्कि सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने के लिये जाने जाते हैं, उनके ट्वीट अकसर सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं, साथ ही सोशल मीडिया पर यूजर्स के बीच चर्चा का विषय भी बनते हैं, आज फिर ट्विटर पर कुमार विश्वास के एक और ट्वीट को लेकर चर्चा गर्म हो गई है, बुधवार सुबह कुमार विश्वास ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह के विचार को ट्वीट किया।

कुमार का ट्वीट
कुमार विश्वास ने ट्विटर पर लिखा, आजादी के मायने ये नहीं होते, कि सत्ता गोरे हाथों से काले हाथों में आ जाए, ये तो सत्ता का हस्तांतरण हुआ, असली आजादी तो तब आएगी, जब वो आदमी, जो खेतों में अन्न उपजाता है, भूखा नहीं सोए, वो आदमी जो कपड़े बुनता है, नंगा नहीं रहे। वह आदमी जो मकान बनाता है, स्वयं बेघर नहीं रहे! (सरदार भगत सिंह)

लोग करने लगे कमेंट्स
कुमार विश्वास ने ट्वीट किया ही था कि रिप्लाई करने वालों की झड़ी लग गई, एक यूजर ने लिखा, जिस राम को हम आदर्श मानते हैं, उन्होने विशाल समुद्र पर पुल बनाने का ठेका किसी अडानी अंबानी को नहीं दिया था, छोटे-छोटे वानरों के सहयोग और सहकारिता से समुद्र पर पुल बना दिया, यही है सहकारिता, लाल बहादुर शास्त्री ने इसी सहकारिता के बल पर हरित तथा दुग्ध क्रांति का श्रीगणेश किया, जागो।

दूसरे ने क्या लिखा
एक दूसरे यूजर ने लिखा, आज सबके पास रोटी, कपड़ा और मकान है, पर परेशानी ये है कि लोगों को रोटी पर घी, मकान वैभवशाली तथा कपड़ा बढिया क्वालिटी का चाहिये, जो सिंधु बॉर्डर पर किसान हैं, वो कहीं से भी गरीब नहीं लगते, आज भी गरीब कमजोर ही है, सब उसके नाम का खाते हैं, चाहे रोटी हो या पैसा।

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