जानिए, चीन की एक ऐसी कंपनी को जो करेगी हजारों चीनियों को ही बेघर

 


कैसा लगेगा आपको यदि आपने अपना किराया चुकाने हेतु साल भर के लिए कर्ज लिया हो, और आपका मकान मालिक आपको निकाल दे? अजीब लगेगा न? यही स्थिति उन लाखों चीनी किरायेदारों की है, जो वार्षिक किराया चुकाने के बावजूद अपने मकान से बाहर निकाले जाने को मजबूर हैं। हम बात कर रहे हैं किराया एजेंट डाँके की, जिसे न्यूयॉर्क में बसा चीन का एक फर्म फीनिक्स ट्री होल्डिंग्स लिमिटेड संचालित करता है।

करीब 50 लाख से ज्यादा चीनी किरायेदारों के लिए डाँके एक रेन्टल एजेंट के तौर पर काम करता है। लेकिन अब वह विवादों में घिर चुका है, क्योंकि इसे वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है और इसने कई मकान मालिकों को उनका किराया भी नहीं चुकाया है। गुआंगज़्हू में एक युवक ने आत्महत्या भी कर ली है और साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार चीनी प्रशासन को स्थिति को नियंत्रण में रखने में काफी मुश्किल हो रही है।

चीन के बड़े-बड़े शहरों में आवासीय संकट को दूर करने के लिए डाँके का बिजनेस मॉडेल किसी संकटमोचक से कम नहीं था। सीमित आय वाले चीनी युवाओं के लिए ये एक बहुत लाभकारी एप था, जिसका ईजाद 2015 में एक अनोखे आइडिया से हुआ था। यह एप लंबे समय के लिए अपार्टमेंट को रेंट पर अलॉट करता, फिर इन्हें रिनोवेट कराके छोटे यूनिट्स में स्प्लीट करता है और फिर इन्हें मनचाहे दाम पर मुहैया कराता है। इससे मकान मालिक अपना पूरा फ्लैट लीज़ पर दे सकते थे और लोगों को रहने के लिए घर भी मिलता था।

परंतु वुहान वायरस की महामारी ने इस बिजनेस मॉडेल को ही ध्वस्त कर दिया। इस महामारी के कारण न केवल चीन की पोल दुनिया के सामने खुल गई, बल्कि चीनी अर्थव्यवस्था को भी गहरा नुकसान पहुँचा है। अब न तो चीन में कोई नए जॉब उत्पन्न हो रहे हैं और न ही इतने चीनी युवा हैं जो डाँके की डूबती नैया संभाल सके।

ऐसे कई चीनी किरायेदार थे, जिन्होंने डाँके के जरिए फ्लैट खरीदे थे, और उसका वार्षिक किराया चुकाने के लिए वी बैंक से लोन भी लिया। लेकिन अब न तो इनके पास कर्ज चुकाने को पैसे हैं, और न ही मकान मालिकों को किराया मिला है। इससे कई किरायेदारों के अब मकान से निकाले जाने की नौबत आ चुकी है। स्थिति यह हो चुकी है कि कुछ लोग अब आत्महत्या भी कर रहे हैं, जैसे ज़्होंग चुनयुआन ने किया। गुआंगज़्हू में किराये पर रह रहा यह 20 वर्षीय युवक ने पहले अपने 10 मीटर स्क्वेयर में स्थित कमरे को आग के हवाले किया, और फिर 18 वीं मंजिल से कूद गया। ज़्होंग ने 3 दिसंबर को अपनी जान दी, क्योंकि उसी दिन मकान मालिक उसे निकालने वाला था, जबकि ज़्होंग ने डाँके एजेंसी के जरिए एक साल का किराया दे दिया था।

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जब डाँके से इस विषय पर बातचीत की गई, तो उन्होंने ईमेल का जवाब तक नहीं दिया। यहाँ तक कि फोन से बातचीत करने के प्रयास का भी कोई सफल निष्कर्ष नहीं निकल।

अब जिस प्रकार से ये विवाद सबके समक्ष उभर के आया है, उससे स्पष्ट पता चलता है कि किस प्रकार से ये विवाद चीनी अर्थव्यवस्था और चीनी प्रशासन के लिए हानिकारक सिद्ध होने वाला है। जिस प्रकार से चीन के समक्ष ऐसी कंपनियों द्वारा आवासीय और वित्तीय संकट खड़ा हो रहा है, उससे अब चीनी प्रशासन चाह कर भी सामाजिक विद्रोह नहीं रोक पाएगी।

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