जिनपिंग का तख़्तापलट कर सकते हैं जैक मा और उनसे निपटने की तैयारी में अब जुट गए हैं जिनपिंग

 


चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग! इन्हें दुनिया का सबसे प्रभावशाली व्यक्ति समझा जाता है। ये ना सिर्फ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था यानि चीन के राष्ट्रपति हैं, बल्कि विशाल PLA सेना के सुप्रीम कमांडर भी हैं। साथ ही ये चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष भी हैं और ये इतने शक्तिशाली हैं कि चीन में इनके खिलाफ बोलना ही सबसे बड़ा अपराध माना जाता है।

हालांकि, आजकल ये चीन के ही एक शख्स से काफी डरे हुए हैं और जिनपिंग को लगता है कि अगर इस शख्स को काबू में नहीं किया गया, तो ये जल्द ही जिनपिंग सरकार के खिलाफ बगावत शुरू कर सकता है। वह शख्स कोई और नहीं, बल्कि चीन का दूसरा सबसे अमीर आदमी और Alibaba Group का मालिक जैक मा है।

पिछले कुछ दिनों में CCP जिस प्रकार जैक मा के खिलाफ एक के बाद एक बड़े फैसले ले रही है, उससे स्पष्ट है कि शी जिनपिंग को जैक मा के बढ़ते कद से अब डर लगने लगा है।

आपको आसान भाषा में समझाएँ तो यह ऐसा ही है अगर अंबानी के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए भारत में PM मोदी reliance कंपनी और Jio को निशाना बनाना शुरू कर दें! लोकतान्त्रिक देश भारत में तो ऐसा संभव नहीं है, लेकिन कम्युनिस्ट चीन में जिनपिंग कुछ भी कर सकते हैं। जिनपिंग को जैक मा से इतना डर क्यों लगता है, आइये यह भी जान लेते हैं।

अलीबाबा ने एक बड़ी microblog website में निवेश किया है, Video sharing और streaming platforms में पैसा लगाया है, यहाँ तक कि South China Morning Post में भी Alibaba की हिस्सेदारी है। इस प्रकार चीन में Content के प्रसारण पर Alibaba का प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है।

अभी बेशक यह कंटेन्ट कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा के खिलाफ तो बिलकुल नहीं है, लेकिन CCP और जिनपिंग को डर है कि कहीं अलीबाबा का प्रभाव इतना ना बढ़ जाये कि उसके सामने खुद CCP का प्रभाव बौना दिखना लगे।

यही कारण है कि अब खुद जिनपिंग जैक मा को ठिकाने लगाने की तैयारियों में जुट चुके हैं। Nikkei की एक रिपोर्ट के मुताबिक 11 दिसंबर में जिनपिंग ने अपने करीबी अधिकारियों के साथ बैठक कर इस बात पर ज़ोर दिया कि उन्हें अपने देश में “राष्ट्रीय सुरक्षा” और “राजनीतिक स्थिरता” बनाए रखने के लिए कई कठोर कदम उठाने होंगे।

इसके साथ ही जिनपिंग ने कहा कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि चीन में कोई भी व्यक्ति अपनी पूंजी को बेतहाशा बढ़ाता ना चला जाये। स्पष्ट है कि अब चीनी सरकार Alibaba को राष्ट्र के लिए खतरा मानने लगी है। शायद यही कारण है कि पिछले कुछ समय में चीनी सरकार ने अलीबाबा के खिलाफ कई बड़े कदम उठाए हैं।

उदाहरण के लिए नवंबर महीने में जब जैक मा का Ant Group दुनिया में सबसे बड़े कीमत के IPOs जारी करने जाने वाली थी, तो उसके ठीक दो दिन पहले ही चीनी regulators ने कंपनी को उससे संबन्धित अनुमति देने से मना कर दिया, जिसके कारण Ant group को काफी बड़ा नुकसान झेलना पड़ा।

इसके अलावा हाल ही में वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगाकर चीनी सरकार ने अलीबाबा ग्रुप पर 5 लाख युआन का जुर्माना भी लगाया था।इस जुर्माने की रकम बेशक कम थी, लेकिन इसमें भी जैक मा के लिए एक बड़ा संदेश छुपा था।

जैक मा चीन में बेहद लोकप्रिय हैं, इसके साथ ही वे कई मौकों पर चीनी सरकार के खिलाफ सख्त रुख भी दिखा चुके हैं। उदाहरण के लिए अक्टूबर महीने में जैक मा ने चीनी सरकार के regulators और केंद्रीय बैंक पर रिस्क पर ज़रूरत से ज़्यादा ध्यान देने का आरोप लगाकर उनकी वित्तीय नीतियों की आलोचना की थी, जिसने कम्युनिस्ट पार्टी में उनके खिलाफ आवाज़ों को और बुलंद कर दिया।

इतिहास रहा है कि जब भी कोई चीनी उद्योगपति जिनपिंग के खिलाफ बोलता है, तो जिनपिंग उसे गायब करा देते हैं। उदाहरण के लिए रेन जिकियांग को ही देख लीजिये! इन्होंने जिनपिंग को “गंवार” कहने की गलती की थी और अब ये जनाब जेल में हैं।

हालांकि, जिनपिंग के लिए रेन जिकियांग की तरह जैक मा को भी गायब करवाना इतना आसान नहीं रहेगा, क्योंकि जैक मा सिर्फ चीन में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी काफ़ी लोकप्रिय हैं और उनके खिलाफ लिया गया कोई भी एक्शन चीन के वित्तीय बाज़ार में बड़ा भूचाल लेकर आ सकता है।

यही कारण है कि अब जिनपिंग धीरे-धीरे state machinery का इस्तेमाल करते हुए जैक मा को ठिकाने लगा रहे हैं। उन्हें डर है कि अगर उनकी घटती लोकप्रिय के दौरान जैक मा ने राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, तो जिनपिंग के लिए बचना बेहद मुश्किल होने वाला है।

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