जिनपिंग सेना को आधुनिक करना चाहते थे, उन्हीं के निकम्मे अफसरों ने पूरे प्लान पर पानी फेर दिया

 


अपनी सेना को कौन मज़बूत नहीं करना चाहता? चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भी सपना यही है कि वर्ष 2027 तक चीन की सेना को एक आधुनिक सेना बना दिया जाये, और फिर वर्ष 2050 तक PLA को विश्व की सबसे खतरनाक सेना के रूप में विकसित किया जाए! कहने और सुनने में जिनपिंग को यह बड़ा अच्छा लगता होगा, लेकिन अब ज़रा जमीनी हालात भी जान लेते हैं। South China Morning Post की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक PLA के आधुनिकीकरण का जिम्मा संभालने वाली चीन की शक्तिशाली Central Military Commission यानि CMC में अनुभवी सैन्य अफसर हैं ही नहीं, जो PLA की आधुनिक युद्ध लड़ने और नई चुनौतियों से पार पाने में सहायता कर सकें। कुल मिलाकर जिनपिंग अपनी सेना को आधुनिक तो बनाना चाहते हैं, लेकिन ऐसा करने के लिए उनके पास लोग ही नहीं हैं।

चीन की सबसे बड़ी समस्या यह है कि उसकी सेना ने आखिरी युद्ध वर्ष 1980 में वियतनाम के खिलाफ लड़ा था। तब युद्ध लड़ने के तौर-तरीके अलग थे। उदाहरण के तौर पर उस वक्त सैन्य सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए civilian infrastructure का इस्तेमाल किया जाता था। दूसरी ओर आज बड़े-बड़े military transport vehicles का इस्तेमाल किया जाता है। आज चीन के पास ये आधुनिक हथियार तो हैं, लेकिन युद्ध के गंभीर हालातों में उनका सही इस्तेमाल कैसे किया जाना है, चीन के टॉप सैन्य अफसरों को यह पता ही नहीं है।

आसान भाषा में समझने के लिए चीन की Central Military Commission यानि CMC को ही देख लीजिये। पूरी CMC में सिर्फ एक ऐसा शख्स है जिसके पास असली युद्ध में हिस्सा लेने का अनुभव है। वो हैं PLA के Joint Staff Department के अध्यक्ष जनरल Li Zuocheng! इनके पास भी 4 दशक पुराना अनुभव है, जब युद्ध करने के तरीके बिलकुल अलग हुआ करते थे। CMC के अन्य दिग्गजों के पास मिसाइल टेस्ट या अन्य छुटपुट operations में शामिल होने के अलावा कोई और अनुभव नहीं है। SCMP अपने लेख में लिखता है कि समय के साथ CMC का नेतृत्व करने वाले लोग अपने आप को बदल नहीं पाये हैं, ऐसे में चीन के पास आधुनिक हथियार होने के बावजूद वह एक बड़ी और प्रभावशाली सैन्य ताकत बनने का सपना पूरा नहीं कर पाया है।

चीन का मुक़ाबला किससे है, आइए वो भी देख लेते हैं। अमेरिका, रूस और भारत जैसे देशों की सेनायें अक्सर बड़े-बड़े operations को अंजाम देती दिखाई देती हैं। पश्चिमी एशिया में अमेरिकी सेना, अफ्रीका में रूसी सेना और जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना आए दिन बड़े-बड़े और खतरनाक operations चलाती हैं। भारत और चीन की लड़ाई पहाड़ों के बीच लड़ी जाती रही है और खुद के चीन के experts यह बात मान चुके हैं कि पर्वतीय सेना के मामले में भारत दुनिया में पहले स्थान पर आता है।

इसी वर्ष जून में चीन की Modern Weaponry magazine के वरिष्ठ पत्रकार और सुरक्षा विशेषज्ञ “हुआंग गुओज़ी” ने चीनी न्यूज़ पोर्टल “thepaper.cn” में एक लेख लिखते हुए इस बात पर प्रकाश डाला था कि कैसे दुनिया की सबसे प्रभावशाली और अनुभवी पर्वतीय सेना किसी पश्चिमी देश के पास नहीं, बल्कि भारत के पास है!

चीन के दुश्मनों की कोई कमी नहीं है। अमेरिका, रूस और अब भारत, तीनों देशों के पास विशाल, आधुनिक और खतरनाक सेनायें हैं। दूसरी ओर चीनी सेना आज भी Lipbalm और skin care products के सहारे ही Propaganda war जीतने की जद्दोजहद करती दिखाई देती है।

नवंबर महीने में ही जिनपिंग ने अपनी तीनों सेनाओं को interoperability को और बेहतर करने के निर्देश दिये थे, ताकि युद्ध के हालातों में तीनों सेनाओं को दुश्मन पर धावा बोलने में आसानी हो सके। हालांकि, PLA को उसके लिए तैयार करने के लिए अनुभवी सैन्य अधिकारी ही नहीं है। ऐसा लगता है कि अपनी सेना के आधुनिकीकरण का सपना देखने वाले जिनपिंग की राह में सबसे बड़ा रोड़ा उसकी सेना के टॉप सैन्य अधिकारी ही हैं।

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