पहली बार भारत ने चीन को दुनिया में जैविक आतंकवाद फैलाने के लिए ठहराया जिम्मेदार


जैविक आतंकवाद चीन की पुरानी आदत बन चुका है जिसके चलते दुनिया के लगभग-लगभग सभी देश उससे परेशान हो चुके हैं।इसको लेकर भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आसियान के सभी देशों से इस मुद्दे पर एक साथ लड़ने का आह्वान किया है। राजनाथ सिंह ने इस दौरान चीन का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनका सीधा संदेश चीन को ही था क्योंकि चीन अमेरिका से लेकर यूरोप और दक्षिण एशिया तक में जैविक आतंकवाद के कारनामे करता रहता हैं।

दुनियाभर में बढ़ते इस जैविक आतंकवाद के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आसियान देशों को संबोधित करते हुए अपना पक्ष पूरी मुखरता से रखा है। उन्होंने कहा, “हमें जैव आतंकवाद से लेकर महामारी की बीमारियों तक के खिलाफ सख्ती से लड़ने और एकजुट होने की आवश्यकता है। साथ ही समुद्री नियमों के उल्लंघन और साइबर सुरक्षा से जुड़े अपराधों को भी ऐसे वैश्विक मंचों पर उठाना होगा।”

इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आसियान के विषय में कहा, “स्वतंत्रता के मूल सिद्धांतों, खुलेपन और समावेशिता पर आधारित चुनौतियों से मिलकर निपटने की क्षमता क्षेत्र का भविष्य तय करेंगे।”

उन्होंने कहा, “नियम आधारित व्यवस्था, समुद्री सुरक्षा, साइबर संबंधी अपराध एवं आतंकवाद जैसे कई खतरे हैं, जो चुनौतियां बने हुए हैं और हमें एक मंच के तौर पर इनसे निपटने की आवश्यकता है। दक्षिण एशिया के क्षेत्र में स्वतंत्रता के मूल सिद्धांतों, समावेशिता एवं खुलेपन पर आधारित चुनौतियों से मिलकर निपटने की हमारी क्षमता हमारा भविष्य तय करेगी।”

रक्षामंत्री ने आसियान की इस वर्चुअल बैठक में एक साथ अपने दोनों दुश्मनों को आड़े हाथों लिया हैं। राजनाथ सिंह ने जहां पाकिस्तान का जिक्र किए बिना ही कहा कि प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ लड़ना जरूरी है तो दूसरी ओर चीन के जैविक आतंकवाद के नए एजेंडों को भी उजागर किया है जिसके लिए आसियान के सभी देशों को साथ लाने की बात भी कही है।

ये किसी से नहीं छिपा है कि चीन सबसे ज्यादा जैविक आतंकवाद को बढ़ावा देता है। चीन द्वारा अमेरिका में ई-कामर्स समेत अन्य तरीकों से जैविक आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। कुछ ऐसी ही नीति चीन का संगठन अब भारत के खिलाफ भी अपना रहा है। भारत पहले से ही चीन द्वारा बनाए गए कोविड-19 वायरस के प्रकोप से जूझ रहा है।

ऐसे ई-कॉमर्स के जरिए जैविक आतंकवाद करने के घटनाक्रमों को भारत सरकार देश की खाद्य सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखती है, जिसका मुख्य मकसद महामारी पैदा करने से लेकर कृषि और आर्थिक विकास पर रोक लगाना है, जिससे उसे फायदा हो सके।

इसको देखते हुए ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आसियान के देशों के बीच इस मुद्दे क़ उठाया है, क्योंकि भारत चाहता है कि इस मुद्दे पर भी चीन की सामूहिक लानत-मलामत हो और उसे वैश्विक स्तर पर बेइज्जत किया जाए।

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