पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई सीट पर बिहार में होने वाले राज्यसभा उपचुनाव के नामांकन की अंतिम तिथि बीत जाने के बावजूद राजद ने कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है, अब इस पूरे मामले को लेकर बिहार में सियासत फिर से गरमा गई है, वैसे पार्टी के नेता कह रहे हैं कि वो इस उपचुनाव में बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी के खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा ही नहीं करना चाहती थी, ये तो सत्ताधारी गठबंधन द्वारा फैलाया गया झूठ था, क्योंकि उसे इस बात का डर था।
राजद ने क्या कहा
राजद के प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने राज्यसभा उपचुनाव में उम्मीदवार खड़ा करने को लेकर राजद का पहले से ही कोई इरादा नहीं था, इसके पीछे वजह ये है कि राजद पहले से मानती है, कि ये सीट रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई है, लिहाजा इस पर सबसे ज्यादा अगर किसी की दावेदारी बनती है, तो वो लोजपा की है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि हमारी पार्टी चाहती थी कि इस सीट पर रामविलास जी की पत्नी रीना पासवान को एनडीए उम्मीदवार बनाया जाए, विपक्ष होने के बावजूद महागठबंधन उन्हें समर्थन देकर एक स्वस्थ्य लोकतंत्र की परंपरा का निर्वहन करता, लेकिन बीजेपी ने ऐसा नहीं होने दिया और ये सीट उसने अपने खाते में रखी।
रीना पासवान को समर्थन
शक्ति सिंह यादव ने कहा कि राजद द्वारा राज्यसभा सीट के लिये अपना उम्मीदवार खड़ा करने को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई बात नहीं कही गई, एनडीए के लोगों द्वारा इस मामले को लेकर कई तरह के कयास भले लगाये जा रहे थे, लेकिन राजद ने जो गहन मंथन किया था, वो सिर्फ और सिर्फ रीना पासवान को समर्थन देने तक ही सीमित था।
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