किसान आंदोलन को खत्म करने के लिये मोदी सरकार लेगी चौपाल का सहारा, तैयार किया पूरा प्लान!

 

किसान आंदोलन को खत्म करने के लिये मोदी सरकार लेगी चौपाल का सहारा, तैयार किया पूरा प्लान!

कृषि कानूनों को लेकर 16 दिन से सड़क पर डटे किसानों तथा केन्द्र सरकार के बीत जंग और लंबी खिंचती दिख रही है, केन्द्र सरकार ने जहां कृषि कानून को रद्द करने से इंकार कर दिया है, वहीं किसान तीनों ही कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं, केन्द्र सरकार के रुख को देखते हुए किसानों ने भी आंदोलन को और तेज करने का ऐलान कर दिया है, किसानं के सख्त रवैये को देखते हुए अब बीजेपी भी आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गयी है, बीजेपी आज से देश के अलग-अलग शहरों में 700 प्रेस कांफ्रेंस तथा चौपाल का आयोजन करेगी।

फायदा बताएगी
इस चौपाल के जरिये बीजेपी किसानों का कृषि कानून के फायदों के बारे में बताएगी, किसानों को ये समझाने की कोशिश होगी, कि नया कृषि कानून किस तरह से उनके लिये फायदेमंद साबित होगा, बीजेपी अपने इस अभियान के दौरान देश में सौ से ज्यादा जगहों पर सम्मेलन करेगी, BJP Flagजबकि हर जिले में प्रेस कांफ्रेंस की जाएगी। आपको बता दें कि कृषि कानूनों को लेकर हाल ही में एक बुकलेट भी जारी की गई है, जिसमें तीनों कृषि कानूनों से होने वाले फायदे के बारे में बताया गया है, इसके साथ ही केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर तथा वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी प्रेस काफ्रेंस के जरिये कृषि कानून के फायदे गिना रहे हैं, जिससे किसान अपना आंदोलन खत्म कर दें।

आंदोलन तेज करने का ऐलान
आपको बता दें कि कृषि बिल का विरोध कर रहे किसानों ने आंदोलन और तेज करने का ऐलान कर दिया है, किसानों की ओर से बताया गया है कि वो 12 दिसंबर से दिल्ली-जयपुर तथा दिल्ली-आगरा हाइवे पर चक्का जाम करेंगे, साथ ही किसानों का आंदोलन और तेज कर दिया जाएगा, इसके बावजूद अगर सरकार ने किसानों की मांगों पर कोई फैसला जल्द नहीं लिया, तो बीजेपी के मंत्रियों तथा नेताओं का घेराव किया जाएगा, किसानों का कहना है कि जिन मांगों को लेकर पिछले 15 दिन से वह दिल्ली के सीमा पर डटे हुए हैं, उन्हें वो पूरा करवाकर ही वापस लौटेंगे।

विपक्ष कर रहा किसानों को गुमराह
बीजेपी की ओर से विपक्ष पर बड़ा हमला बोला गया है, बीजेपी ने कृषि कानून के मसले पर विपक्ष पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाया है, बीजेपी का आरोप है कि विपक्ष किसानों के कंधे पर रखकर बंदूक चला रही है, और बिचौलियों का पक्ष ले रही है, पीएम मोदी भी इशारों में इस बात का जिक्र कर चुके हैं, कि संसद के भीतर और बाहर संवाद होना चाहिये, बीजेपी की ओर से दावा किया गया है कि तीनों कृषि कानून किसानों के फायदे के लिये है, किसानों को इस कानून से जुड़ी कोई शंका है, तो बातचीत से इसका हल निकाला जा सकता है।

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